राजधानी दिल्ली स्थित लोधी स्टेट के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में अब न तो पर्यावरण मंत्रालय का दफ्तर है और न ही पर्यावरण भवन नाम का ठिकाना. इस इमारत में रह गया है अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का दफ्तर. लिहाजा नाम हो गया है पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय भवन. पंडितजी के जन्म शताब्दी वर्ष में ये नया नामकरण हुआ और दूसरे की भूमिका बनी.
नई दिल्ली की सांसद और एनडीएमसी की सदस्य मीनाक्षी लेखी ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास वाले रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन एकात्म मानववाद के आधार पर एकात्म मार्ग रखा जाय. लेखी के प्रस्ताव पर दिल्ली कैंट से आप विधायक सुरेंद्र सिंह ने विरोध किया है.
आतंकवाद का जनक और पोषक है पाकिस्तान
बहरहाल, इमारत के नामकरण के मौके पर शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'हमारे पड़ोसी को पड़ोसी धर्म की चिंता नहीं. वह आतंकवाद का जनक और पोषक है.'
नायडू ने नामकरण को लेकर इतिहास खंगालते हुए कहा कि एक ही परिवार का नाम आगे किया पिछली सरकारों ने. नेहरू बेशक देशभक्त थे, लेकिन और भी तो लोग देशभक्त थे. उनके नाम क्यों भुला दिए गए. हमारी सरकार सभी देशभक्तों को याद रखने के इंतजाम कर रही है. नए नाम के साथ अब ये भवन अल्पसंख्यक मंत्रालय का मुख्यालय है. लिहाजा इसका नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय भवन रखा गया है. ताकि सरकार को समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति का खयाल रहे.
संजय शर्मा