दिल्ली नगर निगम चुनाव के नामांकन के बाद आम आदमी पार्टी के सामने बगावती कार्यकर्ताओं को मनाने की चुनौती है. टिकट न मिलने से नाराज़ कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं तो कहीं वोट न देने की धमकी दी जा रही है. ऐसे बागी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए AAP नेता क्या कदम उठाएंगे ये जानने के लिए 'आज तक' ने पार्टी प्रवक्ता दिलीप पाण्डेय से खास बातचीत की है.
सवाल- टिकट न मिलने से नाराज और बागी हो चुके कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए पार्टी क्या कदम उठा रही है?
जवाब- बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में ये फर्क़ है कि करीब 90% कार्यकर्ताओं से टिकटों की घोषणा होने के बाद संवाद किया जाता है ताकि वो ग्राउंड पर प्रचार के लिए लौट सकें. 10% ऐसे कार्यकर्ता हैं जो कन्फ्यूज़ होते हैं कि पार्टी के लिए 4 साल काम करने के बाद टिकट नहीं मिला तो क्या करना चाहिए. तो पार्टी ऐसे लोगों से लगातार बातचीत कर रही है, जिन्हें समझाने में पार्टी कामयाब होगी.
सवाल- AAP के चुने हुए उम्मीदवारों के खिलाफ पोस्टर लगाकर वोट न देने की अपील की जा रही है, इससे कैसे निपटेंगे?
जवाब- मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि किसने और कहां पोस्टर लगाए हैं. बीजेपी और कांग्रेस की बजाय आम आदमी पार्टी में टिकटों को लेकर प्रतियोगिता अपने चरम पर होती है. हमें इससे कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि AAP कार्यकर्ता नेतृत्व पर विश्वास करके दोबारा काम पर जुट जाता है.
सवाल- टिकट कटने से नाराज आप कार्यकर्ता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टी इस मुसीबत का क्या समाधान निकालेगी?
जवाब- इसमें बगावत वाली कोई बात नहीं है. हमारे परिवार का कोई सदस्य था उसे बरगलाया गया, जिसके बाद उसने निर्दलीय पर्चा भर दिया. आने वाले दिनों में ऐसे लोग हमारे साथ आएंगे, हमें पूरा विश्वास है.
सवाल- नामांकन के बाद प्रचार के लिए आम आदमी पार्टी की क्या तैयारियां हैं?
जवाब- आम आदमी पार्टी का कैम्पेन पिछले 2 महीने से शुरू हो चुका है. दिल्ली में 14 जिले हैं जहां पूर्वांचलियों के साथ बाटी-चोखा का आयोजन किया गया था. 272 वार्ड में प्रोजेक्टर के ज़रिए रोजाना 2700 बार दिल्ली सरकार के कामकाज और बीजेपी-कांग्रेस की विफलता पर फिल्म दिखाई जा रही है. इसके अलावा पिछले 4 हफ्तों में 15 हजार कार्यकर्ता डोर टू डोर कैम्पेन से 20 लाख परिवारों से जुड़ चुके हैं.
पंकज जैन