संसद में कार्यवाही देखने आने वालों के हाथ लगी निराशा, लेकिन कम नहीं हुआ उत्साह

लोकसभा सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 15वीं लोकसभा में 2.25 लाख लोगों को दर्शक दीर्घा का पास जारी किया गया. वहीं 16वीं लोकसभा के 15वें सत्र यानि पिछले सत्र तक 2.85 लाख लोगों को दर्शक दीर्घा का पास जारी किया गया.

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भारतीय संसद (फोटो- PTI) भारतीय संसद (फोटो- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

संसद के शीतकालीन सत्र में अब आखिरी हफ्ता बचा है और बीते हफ्ते दोनों सदनों में ज्यादा कामकाज नहीं हो सका है. लोकसभा से जरूर कुछ विधेयकों को मंजूरी मिली है लेकिन राज्यसभा में तो कामकाज पूरी तरह ठप ही रहा है. संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सांसदों की रुचि हो या न हो लेकिन लोकतंत्र के मंदिर में अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को संसदीय प्रक्रियाओं में हिस्सा लेते हुए देखने की इच्छा रखने वाले लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है. कम से कम सरकारी आंकड़े तो यही बता रहे हैं.

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लोकसभा सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 15वीं लोकसभा में 2.25 लाख लोगों को दर्शक दीर्घा का पास जारी किया गया. वहीं 16वीं लोकसभा के 15वें सत्र यानि पिछले सत्र तक 2.85 लाख लोगों को दर्शक दीर्घा का पास जारी किया गया. इससे साफ है कि कार्यवाही देखने की चाहत रखने वाले आम लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है. इस साल का बजट सत्र भी पूरे तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गया था जबकि मॉनसून सत्र में कुछ अहम विधेयकों को जरूर पारित किया गया था.

देशभर से संसद आते लोग

संसद की कार्यवाही देखने के लिए देश के सुदूर हिस्सों से लोग बड़ी आस लेकर आते हैं. स्कूली बच्चों का उत्साह तो देखते ही बनता है. लेकिन संसद की कार्यवाही बाधित होने के कारण कार्यवाही नहीं देख पाने से उन्हें मायूस भी होना पड़ता है. शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही देखने के लिए केरल, राजस्थान, पूर्वोत्तर, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली और आसपास से काफी संख्या में लोग आए जिनमें स्कूली बच्चों की अच्छी खासी संख्या थी.

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शोर शराबे के कारण सदन की बैठक स्थगित होने के बाद सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें वापस लौटाये जाने पर, केरल से आए वैशाखी ए बी ने कहा ‘बड़ी तमन्ना थी कि संसद की कार्यवाही देखती, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. मुझे राज्यसभा की कार्यवाही के लिए पास मिला था लेकिन मैं नहीं जा सकी. उम्मीद करती हूं कि आगे कभी जरूर देख पाऊंगी.’

हंगामे से कार्यवाही रही बाधित

असम से अपने परिवार के साथ संसद की कार्यवाही देखने आए मनांग सिंह तुनिंग ने कहा, ‘कई वर्षों से संसद की कार्यवाही देखने की योजना बना रहा था, मेरे बच्चे बहुत उत्साहित थे. काफी मशक्कत के बाद जैसे ही लोकसभा की दर्शक दीर्घा के पास पहुंचा, वैसे ही बताया गया कि कार्यवाही स्थगित कर दी गई है.’ उन्होंने कहा कि बच्चे बेहद दुखी हैं. बहुत दूर से आए हैं, फिर मौका मिले या नहीं मिले.'

ऐसी ही स्थिति ग्वालियर के एक स्कूल से आए गौरव की थी. हालांकि संसद भवन के गलियारे में घूमना उन्हें और उनके मित्रों को काफी अच्छा लगा. संसद के शीतकालीन सत्र में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे के कारण संसद के दोनों सदनों में कामकाज बाधित रहा और बार-बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है.

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