पनामा पेपर लीक्स मामले में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी ने गुरुवार को मांग की है कि अमिताभ को बाघों की रक्षा के लिए 'टाइगर एंबेसडर' से हटाया जाए. यही नहीं, बच्चन की आईआईएफसी के एडवायजरी काउंसिल की सदस्यता भी रद्द करने की मांग की गई है.
महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने गुरुवार को पानामा पेपर लीक्स का मुद्दा सदन में उठाया. इस दौरान उन्होंने अमिताभ बच्चन को महाराष्ट्र में बाघों के ब्रांड एंबेसडर से हटाने की मांग की. पाटिल ने कहा, 'बच्चन का नाम पनामा पेपर लीक्स में आया है. आइसलैंड के प्रधानमंत्री का भी नाम आया, जिस पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा यह एक गंभीर विषय है.'
पाटिल ने आगे कहा, 'बीजेपी कहती है कि उनकी सरकार गवर्नमेंट विद डिफरेंस है. अगर ऐसा है तो अमिताभ बच्चन को तत्काल बाघों के ब्रांड एंबेसडर से हटाया जाना चाहिए. उनकी आईआईएफसी के एडवायजरी काउंसिल की सदस्यता भी खत्म की जानी चाहिए.'
अमिताभ बोले- मेरे नाम का गलत इस्तेमाल हुआ
गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. पिछले दिनों उन्होंने मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल हुआ. अमिताभ ने अपने बयान में कहा, 'जिन कंपनियों का नाम लिया है उनमें से मैं किसी एक को भी नहीं जानता. 'सी बल्क शिपिंग कंपनी लिमिटेड', 'लेडी शिपिंग लिमिटेड', 'ट्रेजर शिपिंग लिमिटेड' और 'ट्रैंप शिपिंग लिमिटेड'. मैं इनमें से किसी भी कंपनी का डायरेक्टर नहीं रहा. हो सकता है कि मेरे नाम का गलत इस्तेमाल किया गया हो. मैंने अब तक अपने सारे टैक्स चुकाए हैं, विदेश में खर्च किए गए पैसे पर भी इसे चुकाया है. मैंने जो भी पैसा विदेश भेजा है वह कानून के तहत है. जिसमें एलआरएस के जरिए भेजा गया पैसा भी शामिल है.'
स्वपनल सोनल