कबूतर को आमतौर पर शांति के प्रतीक माने जाते हैं लेकिन पाकिस्तान सीमा पर लगातार ऐसे कबूतर मिल रहे हैं, जिनका इस्तेमाल या तो जासूसी के लिए या फिर स्मगलरों का संदेश इधर-उधर करने के लिए किया जा रहा है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां कई बार इन कबूतरों की जांच कर चुकी हैं. कई बार कोड में लिखे संदेश भी मिल चुके हैं.
इसी कड़ी में शनिवार को जिला गुरदासपुर के थाना सदर की पुलिस को एक पाकिस्तानी कबूतर मिला है . यह कबूतर हिन्द पाक सीमा के नजदीक पड़ते गांव चक्क अराईयां के जसविंदर सिंह को अपने घर में मिला. ऐसे पाकिस्तानी कबूतर गुरदासपुर में सीमा के पास पड़ते अलग-अलग गांवों में पुलिस को पहले भी मिल चुके हैं. ये कबूतर कौन और किस मकसद से सीमा पार भारत के पंजाब के हिस्से में भेज रहा है, यह पुलिस के लिए अब ऐसी पहेली बनती जा रही है जो सुलझने का नाम नहीं ले रही.
जसविंदर सिंह को अपने घर की छत पर बैठा एक कबूतर दिखाई पड़ा जो थकान की वजह से उड़ नहीं पा रहा था. जसविंदर सिंह ने वह कबूतर पकड़ लिया और जब उसको दाना-पानी खिलाने लगा तो उसने देखा कि कबूतर के पंखो पर उर्दू में लिखी एक मोहर लगी है. मोहर के साथ एक नंबर 03024929685 लिखा हुआ है. तब उसका माथा ठनका और उसने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस कबूतर को अपने साथ ले गई.
इस कबूतर के मामले में पुलिस थाना सदर के पुलिस अधिकारी का कहना है के यह कबूतर उड़ता हुआ गांव के सरपंच के घर आकर बैठ गया और सरपंच ने जसविंदर को कबूतर पकड़ने को कहा. जब कबूतर के पंखों पर मोहर और नंबर देखा तो पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर जा कर कबूतर को अपने कब्जे में ले लिया है. पुलिस अधिकारी का कहना है के इस कबूतर को लेकर हमारी तरफ से और अलग-अलग जांच एजेंसियों की तरफ से जांच की जा रही है कि ऐसे कबूतर जो बार बार सीमा पार से हमारे इलाके में कौन और किस मकसद से भेज रहा है.
बता दें कि पाकिस्तानी कबूतरों का गुरदासपुर के सीमा इलाके में मिलने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी गुरदासपुर में हिन्द-पाक सीमा के पास पड़ते बमियाल, दीनानगर में ऐसे कबूतर मिल चुके हैं.
प्रियंका झा / सतेंदर चौहान