एक अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा गया है कि वह 'लश्कर-ए-तैयबा' और 'जैश-ए-मोहम्मद' जैसे आतंकी संगठनों को धन उगाहने और नई भर्ती करने से रोक पाने में असफल रहा है.
अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार और इसकी सेना ने लगातार पूरे देश में आतंकवादियों के ठिकानों को सुरक्षित रखने के लिए कार्रवाई की. पाकिस्तानी सरकार ने कुछ खास आतंकी समूहों को और व्यक्तियों को खुलकर आतंक का कारोबार चलाने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
पाकिस्तान ने जताई निराशा
पाकिस्तान ने मंगलवार को इस अमेरिकी रिपोर्ट पर निराशा जताई. पाकिस्तान का कहना है कि इस रिपोर्ट में हमारी सरकार के प्रयासों और जमीनी हकीकत की पूरी तरह अनदेखी की गई है.
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की 'कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरेरिज्म 2018' में शुक्रवार को कहा गया कि पाकिस्तान सरकार ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर लगाम नहीं लगाया जो पाकिस्तान आधारित सुरक्षित सैरगाह से संचालित होते हैं और अमेरिकी एवं अफगान फौजों के लिए खतरा बने हुए हैं.
रिपोर्ट में क्या है
पाकिस्तान की आलोचना करने वाली इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान 'लश्कर-ए-तैयबा' और 'जैश-ए-मोहम्मद' जैसे आतंकी संगठनों को धन उगाहने और नई भर्तियां करने से 'रोक पाने पाने में विफल' रहा है. कई आतंकी समूह हैं जो पाकिस्तानी जमीन से चलते हैं और 2018 से ही पाकिस्तान से बाहर आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे हैं.
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का खात्मा करने के लिए नेशनल एक्शन प्लान के तहत ठोस कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा है कि इस अमेरिकी रिपोर्ट से पाकिस्तान निराश है. इस रिपोर्ट में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के संघर्षों, पाकिस्तान द्वारा पिछले वर्षों में दी गई कुर्बानी, पाकिस्तान के अहम प्रयासों और जमीनी हकीकत को नजरअंदाज किया गया है. पाकिस्तान ने अपने बयान में दावा किया है, "हमारे प्रयासों से न केवल अल-कायदा का खात्मा हुआ, बल्कि हमारे प्रयासों ने दुनिया को एक सुरक्षित स्थान भी बनाया है."
पाकिस्तान ने गिनाए उठाए कदम
बयान में पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम गिनाते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रावधानों के तहत व्यापक कानूनी और प्रशासनिक उपाय किए हैं. इसके लिए नामित सभी संस्थाओं और व्यक्तियों को धन और आर्थिक संसाधनों से वंचित करने के प्रयास किए गए हैं. हमारे नेशनल एक्शन प्लान के तहत यह कार्रवाई जारी है और इसकी मियाद फरवरी तक बढ़ा दी गई है.
पाकिस्तान का कहना है कि अमेरिकी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि ये आतंकी समूह सीमा पार से पाकिस्तान के खिलाफ भी आतंकी कार्रवाई करते हैं. पाकिस्तान ने अफगान में शांति स्थापित करने और सुलह प्रक्रिया के संदर्भ में अमेरिका और तालिबान की सीधी बातचीत की सुविधा मुहैया कराई. पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी आक्षेप अनुचित है और यह द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करेगा.
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