पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को तीसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस की पेशकश की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तानी अधिकारियों की उपस्थिति के बिना कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस की पेशकश की. इससे पहले गुरुवार को भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की अनुमति मिली थी. हालांकि तब पाकिस्तान के अधिकारी मौजूद थे.
कुलभूषण जाधव से मुलाकात के बाद भारत ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की अनुमति दी गई थी. अधिकारियों ने इसका विरोध भी दर्ज कराया, क्योंकि ये कॉन्सुलर एक्सेस न तो कहीं से सार्थक था और न ही विश्वसनीय.
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भारत ने कहा कि पाकिस्तान के अधिकारी पास में ही मौजूद थे और खुले तौर पर बातचीत की व्यवस्था नहीं थी. बता दें कि विएना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस 1963 के तहत पाकिस्तान द्वारा पहला कॉन्सुलर एक्सेस 2 सितंबर 2017 को दिया गया था.
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तब कमांडर जाधव की मां और पत्नी को भी 25 दिसंबर 2017 को उनसे मिलने की इजाजत दी गई थी. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में रिव्यू पीटिशन दायर करने से पहले भारत ने पाकिस्तान से यह मांग की थी. हालांकि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से अकेले मिलने की मांग को ठुकरा दिया था, लेकिन 2 अफसरों को जाधव तक पहुंचने की अनुमति दी थी.
गीता मोहन