पकड़े गए PAK उच्चायोग के अफसरों से सेना के मूवमेंट-डिप्लॉयमेंट से जुड़े दस्तावेज मिले

दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में सोमवार को पकड़ा गया था. भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया.

Advertisement
फाइल फोटो (इंडिया टुडे) फाइल फोटो (इंडिया टुडे)

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2020,
  • अपडेटेड 1:43 AM IST

  • रविवार को दिल्ली में पकड़े गए थे पाक अधिकारी
  • फेसबुक के जरिए भी कुछ जवानों को टारगेट किया

जासूसी के आरोप में पकड़े गए पाकिस्तानी उच्चायोग के अफसरों से कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं. पकड़े गए दोनों अफसरों के पास से क्लासिफाइड सीक्रेट डॉक्युमेंट्स मिले हैं. बरामद डॉक्युमेंट्स सेना के मूवमेंट और डिप्लॉयमेंट से संबंधित थे.

दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आबिद और ताहिर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के मेंटर के इशारे पर इंडियन रेलवे और आर्म्ड फोर्सेस में पैसे के दम पर घुसपैठ कर रहे थे. जब दोनों को दिल्ली में मौके से पकड़ा गया तो प्लान के तहत ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे आईएसआई एजेंट जावेद ने भागने की कोशिश की. इस दौरान पाक उच्चायोग की गाड़ी के शीशे भी टूट गए थे. काफी मशक्कत के बाद जावेद काबू में आया था.

Advertisement

वहीं, आबिद ने कई फर्जी पहचान पत्रों के जरिए विभिन्न विभागों में काम करने वाले लोगों को लुभाने का काम किया था. भारतीय रेलवे में काम करने वाले एक व्यक्ति के साथ संपर्क साधने के लिए उसने एक मीडियाकर्मी के भाई के नाम से भी खेल किया था.

उसने ये दावा करके अपना विश्वास हासिल करने की कोशिश की कि उसे अपने भाई के लिए रेल मवूमेंट के बारे में जानकारी की जरूरत है, जो भारतीय रेलवे पर एक स्टोर कर रहे थे और जिसके लिए वो पैसे देने को तैयार था. असली मकसद रेलवे कर्मचारियों को लुभाना और फिर ट्रेनों के जरिए सेना की आवाजाही की जानकारी हासिल करनी थी.

रिश्तेदारों को निशाना बनाया था

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली कि जासूसी के आरोप में पाकिस्तान के उच्चायोग के दो अधिकारियों को निष्कासित करने के बाद करीब 12 भारतीय सेना के जवान और सरकारी अधिकारी संदेह के घेरे में हैं. एजेंसियों का दावा है कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों ने संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए पाकिस्तान के वीजा की डिमांड करने वालों के रिश्तेदारों को निशाना बनाया था.

Advertisement

खुफिया जानकारी पाने के लिए खुद को ‘कारोबारी’ बताते थे पाकिस्तानी जासूस

सूत्रों के मुताबिक, दोनों पाक अधिकारी दिल्ली के गोपीनाथ बाजार और सदर बाजार जैसे क्षेत्रों में संपर्क स्थापित करके युवा भारतीय सेना के जवानों को कथित तौर पर निशाना बनाया था. साथ ही फेसबुक के जरिए भी कुछ जवानों को टारगेट किया गया.

भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया

बता दें कि दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में सोमवार को पकड़ा गया था. भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया. इस बाबत पाकिस्तान के उप राजदूत को एक आपत्ति पत्र भी जारी किया गया, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया कि पाक के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार न करे.

जासूसी मामला: भारत के एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान, दूतावास के अधिकारी को भेजा समन

दिल्ली के करोल बाग एऱिया से पकड़े गए थे

दिल्ली के करोल बाग से रंगे हाथ पकड़े गए आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते हैं. इन दोनों अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी. ये दोनों आर्मी पर्सनल को टारगेट करते थे और उनकी लिस्ट आईएसआई देती थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement