फेल रहे हैं अरुण जेटली, मैं होता तो अब तक इस्तीफा दे चुका होता: पी चिदंबरम

भारत चैंबर ऑफ कामर्स की ओर से आयोजित परिचर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा, 'अगर मैं जेटली की जगह पर होता तो मैं क्या करता? मैं इस्तीफा दे देता.' वह आम बजट 2018-19 में राजकोषीय घाटे को कम करने के उपायों के मुद्दे पर बात कर रहे थे.

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अरुण जेटली और पी चिदंबरम अरुण जेटली और पी चिदंबरम

भारत सिंह

  • कोलकाता,
  • 27 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर वह वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह पर होते तो अब तक इस्तीफा दे देते.

भारत चैंबर ऑफ कामर्स की ओर से आयोजित चर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा, 'अगर मैं जेटली की जगह पर होता तो मैं क्या करता? मैं इस्तीफा दे देता.' वह आम बजट 2018-19 में राजकोषीय घाटे को कम करने के उपायों के मुद्दे पर बात कर रहे थे.

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चिदंबरम ने कहा, 'जेटली ने दूसरों द्वारा लिखे गए बजट भाषण को पढ़ने में निश्चित तौर पर मुश्किल स्थिति का सामना किया होगा.'

केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने में पूरी तरह विफल रही है. उन्होंने कहा कि इस बजट से आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा मिल रहा है, लेकिन वह आम लोगों को यह फायदा नहीं दे रही है. चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने बजट में अनुमान लगाया है कि 2018-19 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.3 फीसदी रहेगा. उन्होंने कहा कि राजस्व और व्यय की स्थिति संदिग्ध होने की वजह से यह लक्ष्य पाना भी मुश्किल होगा.

चिदंबरम ने कहा कि यह जीएसटी नहीं है, जीएसटी उनकी सरकार ला रही थी , जिसमें सभी चीजों पर 18 फीसदी टैक्स का प्रावधान था. उन्होंने कहा है कि मौजूदा प्रावधान जीएसटी को बदनाम कर रहे हैं.

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बता दें कि नोटबंदी, जीएसटी समेत तमाम आर्थिक मामलों पर चिदंबरम मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमलावर रुख अपनाते रहे हैं.

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