भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के सौ से अधिक सांसदों से खासे नाराज हैं. नाराजगी की वजह नमो ऐप पर सक्रिय नहीं होने की वजह से है. ऐसे सांसदों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा रहा है जिन्होंने अभी तक नमो ऐप न तो अपग्रेड किया है और ना ही उस पर सक्रिय हुए हैं.
दिसंबर के तीसरे सप्ताह में संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि कई सांसद नमो ऐप पर उनके गुड मॉर्निंग संदेश का जवाब तक नहीं देते हैं.
उस दिन सभी सांसदों के मोबाइल पर नमो ऐप को अपग्रेड कराने का फरमान भी जारी किया गया था. भाजपा आईटी सेल के लोगों ने अपग्रेड करने के लिए कैंप भी लगाया था. बावजूद इसके सौ से अधिक सांसदों ने अभी तक ऐप को न तो अपग्रेड कराया है न ही सक्रिय हैं.
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे गंभीरता से लिया है.
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पीएम की बात को गंभीरता से नहीं लेना अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे में आता है. ऐसा करने वाले सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है. पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीनों से यह देखने में आ रहा है कि कई सांसद पीएम की बात को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उदाहरण के तौर पर हर सांसद से अपने क्षेत्र के 20 ऐसे युवाओं के नाम मांगे गए थे जो अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हों. लेकिन अभी तक 150 से ज्यादा सांसदों ने अभी तक यह सूची नहीं भेजी है. इसके लिए पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव की तरफ से भी सांसदों को नियमित रूप से याद दिलाया जाता रहा है फिर भी कोई उत्तर नहीं मिला है.
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