भ्रष्टाचार के आरोप में लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश

सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल पर आरोप है कि अधिकारी ने सरकारी फंड का इस्तेमाल अपने निजी इंस्टीट्यूट के लिए एयर कंडीशनर, फर्नीचर और अन्य सामान खरीदने के लिए किया था.

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(फाइल फोटो) (फाइल फोटो)

aajtak.in / पुनीत सैनी

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2019,
  • अपडेटेड 10:45 PM IST

भारतीय सेना ने अपने ही एक सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं. अधिकारी पर सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है.

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी ANI को बताया 'सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए आर्मी हेडक्वार्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं. अधिकारी पर आरोप था कि उसने 10 लाख रुपए के सरकारी फंड का इस्तेमाल अपने निजी सामान को खरीदने पर किया है.'

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सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल पर आरोप है कि अधिकारी ने सरकारी फंड का इस्तेमाल अपने निजी इंस्टीट्यूट के लिए एयर कंडीशनर, फर्नीचर और अन्य सामान खरीदने के लिए किया था. आर्मी हेडक्वार्टर को मिली शिकायत के बाद इस मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं. आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर (PSO) की अध्यक्षता में इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

पीएसओ आर्मी में बेहद वरिष्ठ पद होता है. पीएसओ आर्मी चीफ का सहायक होता है जो उनके प्रतिदिन के कार्यक्रमों को देखता है. इस पूरे मामले के लिए उन्हीं अधिकारियों को नियुक्त किया गया है जो लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर तैनात हैं. पीठासीन अधिकारी ने इस पूरे मामले की जांच पहले ही पूरी कर ली है और इसके बारे में आर्मी चीफ को सूचना भी दे दी गई है. अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी मांग की है.

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सेना प्रमुख बिपिन रावत ने इससे पहले भी सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचार को खत्म करने और महिलाओं के सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि सेना में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार मंजूर नहीं किया जा सकता. भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने के बाद कई अधिकारियों को खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है. जबकि कई अधिकारियों को बिना पेंशन के रिटायरमेंट भी दे दी गई है.

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