भारत ने गुरुवार को बालेश्वर से कुछ दूरी पर स्थित चांदीपुर में एक प्रक्षेपण केंद्र से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेशी मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण किया. इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर है.
रक्षा सूत्रों ने बताया कि जमीन से जमीन में मार करने में सक्षम इस मिसाइल को गुरुवार को एकीकृत प्रक्षेपण केंद्र से सुबह करीब 9:21 बजे प्रक्षेपित किया गया. उन्होंने कहा कि रक्षा सेवा के रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) के अभ्यास के तहत इस अत्याधुनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया है.
सूत्रों ने कहा, ‘इस मिसाइल को निर्माण भंडार से चुना गया था और परीक्षण से जुड़ी संपूर्ण गतिविधियों को एसएफसी की ओर किया गया और इनकी निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओर) द्वारा की गई.’
पृथ्वी-2 को डीआरडीओ ने विकसित किया है. इसे पहले ही भारतीय सशस्त्र बल में शामिल किया जा चुका है. पृथ्वी पहली मिसाइल है जिसका विकास एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत किया गया है.
यह मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम भार के वारहैड ले जाने में सक्षम है और यह तरल ईधन वाले दो इंजन से संचालित है. उसे सही पथ पर ले जाने के लिये एक उन्नत निर्देशित प्रणाली इसमें लगी है.
पृथ्वी-2 का पिछला परीक्षण चार अक्टूबर, 2012 को इसी प्रक्षेपण केंद्र से किया गया था.
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