विदेशियों के लिए भारत में 'किराए की कोख' आने वाले दिनों में मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन होने वाली है. केंद्र सरकार के एक बिल में प्रावधान किया गया है कि कोई भी विदेशी भारत में किसी महिला को 'सरोगेट मदर' बनने का ऑफर नहीं दे सकेगा.
केंद्र सरकार सरोगेसी के दुरुपयोग रोकने और इसे ज्यादा सुरक्षित बनाने के मकसद से नया कानून ला रही है. असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) रेगुलेशन बिल, 2014 में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे इस तरह के मामलों में बहुत हद दुरुपयोग रोकना संभव हो जाएगा.
बिल की ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य डॉ. मनीष बैंकर के मुताबिक, 'यह बिल केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के पास कुछ समय तक विचाराधीन था. सरकार का पूरा ध्यान सरोगेसी के कानूनी पहलू को दुरुस्त करने के साथ-साथ इसे सुरक्षित बनाने पर है.' उन्होंने कहा कि भारत में नियम-कानून को ताक पर रखकर कई जगहों पर ऐसे क्लिनिक चलाए जा रहे हैं, जहां सरोगेसी को लेकर उत्पीड़न होता है.
नए बिल में जिन्हें मिली है छूट...
नए बिल में विदेशियों को तो भारतीय महिला की 'सरोगेसी' से वंचित कर दिया गया है, पर इसके तहत कुछ लोगों को इसकी छूट दी गई है. ओवरसीज सिटिजंस ऑफ इंडिया (OCIs), भारतीय मूल के लोग (PIOs), नॉन रेजिडेंट इंडियंस (NRIs) और भारतीय नागरिक से विवाह करने वाले किसी भी विदेशी को यह सुविधा पहले की तरह बरकरार रहेगी. हालांकि इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा जटिल हो जाएगी.
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