जैन मुनि स्वामी तरुण सागर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में संगीतकार विशाल डडलानी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली डडलानी की याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस गोपाल गौड़ा और जस्टिस आदर्श गोयल की बेंच ने ये कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि 'आप सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आ गए, आपको पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था.'
इस पर डडलानी की वकील ने कोर्ट से गुजारिश की कम से कम हाई कोर्ट में याचिका डालने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप हाई कोर्ट में अर्जी लगाइए और वहां जल्द सुनवाई की मांग कीजिए. डडलानी की वकील ने हास्य कलाकार किकू सारदा का उदाहरण दिया की जिस तरह महज एक धर्म गुरु की नकल करने के लिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया उसी तरह पुलिस डडलानी को कभी भी एक बयान के लिए गिरफ्तार कर सकती है.
गौरतलब है की डडलानी ने 26 अगस्त को जैन मुनि तरुण सागर के हरियाणा विधानसभा में दिए प्रवचन पर ट्वीट किया था. इसको लेकर अंबाला छावनी के पुनीत अरोड़ा ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी. जिसके बाद अंबाला में विशाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 295, 153, 509 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. हालांकि ट्वीट के बाद विशाल ने तुरंत माफी भी मांगी लेकिन शिकायतकर्ता पुनीत का कहना है कि उन्होंने जो गलती की है उसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ेगी और माफी सिर्फ इस बात की मांगे कि वे दोबारा ऐसा नहीं करेंगे. पुनीत अरोड़ा ने महिला के साथ जैन मुनि तरुण सागर की तस्वीर पोस्ट करने पर तहसीन पूनावाला के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया है. जिसको लेकर शिकायतकर्ता पुनीत का कहना है कि इससे उन्हें काफी ठेस पहुंची है.
सबा नाज़ / अहमद अजीम