संविधान की प्रस्तावना में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं: वेंकैया

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक विज्ञापन के बाद संविधान की प्रस्तावना को लेकर छिड़ी बहस के बीच रविवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार की ओर से प्रस्तावना में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है.

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एम वेंकैया नायडू एम वेंकैया नायडू

aajtak.in

  • हैदराबाद,
  • 01 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 8:36 AM IST

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक विज्ञापन के बाद संविधान की प्रस्तावना को लेकर छिड़ी बहस के बीच रविवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार की ओर से प्रस्तावना में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है.

संविधान की प्रस्तावना से जुड़े विवाद के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि मौजूदा बहस ‘निर्थरक’ है और ‘अनावश्यक विवाद’ को पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा, 'प्रस्तावना में मूल रूप से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द नहीं थे. इसे जवाहरलाल नेहरू, बाबासाहेब अम्बेडकर, सरदार पटेल, गोपालस्वामी अयंगार के समय तैयार किया गया था. उन लोगों ने इस पर बहस की, चर्चा की और फिर प्रस्तावना को मंजूरी दी. आपातकाल के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी खुद की वोटबैंक की राजनीति के कारण समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द लेकर आईं.'

नायडू ने कहा कि इसे खास तौर पर बताने की जरूरत नहीं है कि धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद समानता और धर्म, अभिव्यक्ति और बोलने की स्वतंत्रता देते हैं.

-- भाषा से इनपुट

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