नीतीश कुमार ने हासिल किया विश्वास मत, मांझी बोले- 22 अप्रैल से पहले गिरा दूंगा सरकार

बिहार में एक बार फिर से सीएम बने नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है. स्वास्थ्य के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. दिलचस्प यह है कि वोटिंग से दूर मांझी ने दावा किया है कि वह 22 अप्रैल से पहले नीतीश की सरकार को आरजेडी और बीजेपी की मदद से गिरा देंगे.

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नीतीश कूुमार की फाइल फोटो नीतीश कूुमार की फाइल फोटो

aajtak.in

  • पटना,
  • 11 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

बिहार में एक बार फिर से सीएम बने नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है. विश्वास प्रस्ताव के बाबत जेडीयू ने अपने विधायकों को व्हि‍प जारी किया था, जबकि स्वास्थ्य के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. दिलचस्प यह है कि वोटिंग से दूर मांझी ने दावा किया है कि वह 22 अप्रैल से पहले नीतीश की सरकार को आरजेडी और बीजेपी की मदद से गिरा देंगे.

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पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने सदन में अनुपस्थि‍ति को लेकर स्पीकर को अपनी मेडिकल रिपोर्ट भेजी थी. इससे पहले बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के पक्ष में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के पक्ष में 140 वोट पड़े जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं गिरे.

सुशासन और सामाजिक न्याय प्राथमिकता
सत्र की शुरुआत में राज्यपाल ने अपने अभि‍भाषण में कहा कि प्रदेश में सुशासन और सामाजिक न्याय सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था कायम रखना सबसे जरूरी है.

मांझी का दावा
इस बीच नीतीश सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद मांझी ने कहा कि वह बजट सेशन के आखि‍री दिन यानी 22 अप्रैल तक नीतीश की सरकार को गिरा देंगे. उन्होंने कहा, 'हम आरजेडी और बीजेपी से मदद की मांग करेंगे.' मांझी ने कहा कि वह तब तक विधानसभा सत्र से अनुपस्थि‍त रहेंगे, जब तक कि विधायक के तौर पर उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती है.

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मांझी ने कहा, 'जेडीयू ने मुझे पार्टी से पिछले महीने ही निकाल बाहर किया है. लेकिन फिर व्हि‍प जारी कर मुझसे कहा गया कि नीतीश के पक्ष में वोट करूं. यह कैसे संभव है. पार्टी से बाहर के लोगों पर यह लागू नहीं होता. हालांकि, मैंने अपने गुट के विधायकों से कहा कि वह सदन में जाकर नीतीश के पक्ष में वोट करे क्योंकि उन्हें भी व्हि‍प जारी किया गया.'

जनादेश से विश्वासघात किया
बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव ने नीतीश कुमार पर 2010 में मिले जनादेश के साथ विश्वासघात करने को आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार ने PM बनने की आकांक्षा का विकास किया. इसके बाद ही BJP और JDU का गठबंधन टूटा.' उन्होंने सवाल खड़ा किया कि आखि‍र नीतीश किस तरह कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं, जबकि उनकी पूरी सियासत ही कांग्रेस के विरोध पर आधारित है.

नंद किशोर यादव ने कहा, 'नीतीश ने मांझी को इसलिए पद से हटाया, क्योंकि वे उनके वोट बैंक के लिए खतरा बन गए थे.' नंद किशोर यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश ने मांझी को हटाने के लिए उन्हें अपमानित किया. उन्होंने कहा, 'नीतीश ने अपने प्रवक्ताओं से कहा था कि वे मांझी के खि‍लाफ अपमानजनक बयान दें.'

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