बाबुओं को गडकरी की सख्त चेतावनी, काम नहीं करना तो VRS ले लो

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लाल फीताशाही के खिलाफ सख्त लहजे में अधिकारियों को चेतावनी दी है. गुरुवार को अधि‍कारियों से उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि या तो वो अपना काम ठीक से करना शुरू कर दें या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लें.

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नितिन गडकरी की फाइल फोटो नितिन गडकरी की फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लाल फीताशाही के खिलाफ सख्त लहजे में अधिकारियों को चेतावनी दी है. गुरुवार को अधि‍कारियों से उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि या तो वो अपना काम ठीक से करना शुरू कर दें या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लें.

मंत्री ने फाइलें दबाकर बैठने वाले बाबुओं से कहा कि वे भारत के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा हासिल करने के रास्ते में बाधा नहीं बनें. हर दिन 100 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रहे राजमार्ग मंत्री ने कहा कि अधिकारियों की सुस्ती या लालफीताशाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सिस्टम को साफ करने के लिए ऐसे अधिकारियों को बाहर कर दिया जाएगा.

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उन्होंने कहा, 'दुनिया भारत में निवेश करने को तैयार है. विशेष रूप से राजमार्ग क्षेत्र में, लेकिन हम अपने बजटीय आवंटन का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. पांच लाख करोड़ रुपये के काम के लिए हमें तेजी से मंजूरी की जरूरत है. इसके अलावा परियोजना रिपोर्ट जल्द बननी चाहिए. लेकिन हमारे अधिकारी फाइल दबाकर बैठें हैं और फैसले नहीं कर रहे. जो लोग काम नहीं करना चाहते, कृपया कर वे वीआरएस ले लें.'

'सकारात्म सोच वालों की है जरूरत'
गडकरी ने आगे कहा, 'हमें सकारात्मक सोच वाले लोग चाहिए. सोच में बदलाव होना चाहिए. प्रदर्शन का ऑडिट किया जाएगा.' गडकरी ने विश्व बैंक वित्तपोषित परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन पर कार्यशाला में अधिकारियों से नकारात्मक दृष्टिकोण छोड़ने की अपील करते हुए कहा, 'हम उन लोगों को दंडित करने से हिचकिचाएंगे नहीं, जो काम नहीं करतें. लालफीताशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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गडकरी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि तेज करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली सड़क निर्माण के काम में तेजी पर जोर दे रहे हैं. हमने प्रति दिन 100 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य रखा है. जब तक हम परियोजनाओं को तेजी से मंजूर नहीं करेंगे, यह काम संभव नहीं होगा. गडकरी ने कहा कि जब नई सरकार बनी थी तो सड़क निर्माण की रफ्तार दो किलोमीटर दैनिक थी, यह अब 18 किलोमीटर पहुंच गई है.

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