सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर 13 जनवरी से सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू होगी. मामले की सुनवाई 9 जजों की बेंच करेगी. इसके अलावा मुस्लिम और पारसी महिलाओं से कथित भेदभाव के मुद्दे पर भी सुनवाई होगी.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं को लंबित रखते हुए केस को 7 जजों की बड़ी बेंच के पास भेज दिया था. कोर्ट में 5 जजों की बेंच को फैसला देना था, लेकिन कोर्ट ने इसके व्यापक असर को देखते हुए 3-2 के मत से याचिकाएं बड़ी बेंच को सौंप दी थीं. हालांकि, कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 के फैसले को कायम रखते हुए मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था.
सात जजों की बेंच करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने भी परंपरा और आस्था के बीच का रास्ता निकालते हुए मामले को सात जजों की बेंच को सौंपते हुए कहा कि इस केस का असर सिर्फ इस मंदिर पर ही नहीं, बल्कि मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश और अग्यारी में पारसी महिलाओं के प्रवेश पर भी पड़ेगा.
अपने फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परंपराएं धर्म के सर्वोच्च सर्वमान्य नियमों के मुताबिक होनी चाहिए. हालांकि, महिलाओं की एंट्री पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अगले फैसले तक सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी.
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