1.5 लाख करोड़ की नई करेंसी चलन में, 2,203 करोड़ नोट हुए बेकार

1.5 लाख करोड़ रुपये की नई करेंसी में बड़ी संख्या में 2000 के नोट हैं, जो कि अभी लेन-देन के लिए आदर्श नहीं हैं. स्थिति सामान्य करने के लिए 500 के 1000-2000 करोड़ नोट जल्दी से लाने होंगे.

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लव रघुवंशी

  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:16 AM IST

नोटबंदी लागू होने के बाद से अब तक केवल 1.5 लाख करोड़ रुपये के नए नोट प्रचलन में आए हैं. नोटबंदी लागू हुए 19 दिन हो गए हैं. 1.5 लाख करोड़ रुपये की नई करेंसी के अलावा 2.2 लाख करोड़ रुपये की करेंसी (500 और 1000 के नोट के अलावा) पहले से चलन में है.

'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक 'क्रेडिट सुइस रिसर्च रिपोर्ट' के माध्यम से सामने आया है कि 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद 14.18 लाख करोड़ रुपये अब चलन में नहीं हैं. 500 और 1000 रुपए के 2,203 करोड़ नोट अब कागज के टुकड़े के समान हैं.

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1.5 लाख करोड़ रुपये की नई करेंसी में बड़ी संख्या में 2000 के नोट हैं, जो कि अभी लेन-देन के लिए आदर्श नहीं हैं. स्थिति सामान्य करने के लिए 500 के 1000-2000 करोड़ नोट जल्दी से लाने होंगे. नई मुद्रा की मांग को पूरा करने के लिए, उद्योग के अनुमानों से संकेत मिलता है कि भारतीय रिजर्व बैंक पहले ही 150 करोड़ (3 लाख करोड़ रुपये) प्रिंट करने के लिए सक्षम हो गया है.

बैंकों ने शाखाओं और एटीएम के माध्यम से 10 से 18 नवंबर के बीच 1.03 लाख करोड़ रुपये लोगों तक पहुंचा दिए हैं. 14.18 लाख करोड़ रुपए की पुरानी करेंसी में से 6 लाख करोड़ रुपये बैकों में जमा हो गए हैं. रिपोर्ट ने पिछले एक हफ्ते के आंकड़ों पर कहा है कि आरबीआई एक दिन में 500 रुपये के लगभग 4 से 5 करोड़ नोट छाप रहा है.

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