देश की राजधानी नई दिल्ली में अगर अब किसी ने सड़क किनारे खड़े होकर दीवार गंदी करने की कोशिश की. यानी सूसू कुमार बनना चाहा तो उसकी खैर नहीं. अब ऐसे लोगों की खबर लेने आ गया है स्वच्छ सेवक. आप कहेंगे कि ये स्वच्छ सेवक कौन? ये स्वच्छ सेवक है नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) का मस्कट.
स्वच्छ सेवक का हुलिया देखकर आपको अपने जमाने के मशहूर कॉर्टून करेक्टर चाचा चौधरी की याद आएगी. इन जनाब को अगर एनडीएमसी के इलाके में कहीं भी कोई सूसू कुमार नजर आया. या पटरियों पर कोई शौच करता नजर आया तो स्वच्छ सेवक उसे भगाएगा.
पीले रंग की टी-शर्ट और नीले रंग की पैंट के साथ साफा स्वच्छ सेवक के सिर पर खूब जम रहा है. इसकी टी-शर्ट पर स्वच्छ भारत अभियान का लोगो और स्वच्छ सेवक लिखा हुआ होगा. दरअसल, एनडीएमसी को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद की सबसे बड़ी चुनौती है स्वच्छता मिशन. लिहाजा एनडीएमसी ने अपने 14 सर्किल में 28 मस्कट तैनात किए हैं.
एनडीएमसी ने अपनी काउंसिल की बैठक में ये फैसला किया. दरअसल 4 जनवरी को शहरी विकास मंत्रालय का स्वच्छ सर्वेक्षण कार्यक्रम होना है. एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार के मुताबिक, स्वच्छ सेवक का सबसे ज्यादा जोर स्लम एरिया और रेलवे ट्रैक्स के आसपास होगा. हर सर्किल में दो स्वच्छ सेवक दो शिफ्ट में काम करेंगे. स्वच्छ सेवक जब भी कहीं किसी सूसू कुमार को देखेगा, तो तत्काल सीटी बजाएगा. इसके बाद एनडीएमसी के आसपास के कर्मचारी भी वहां पहुंच जाएंगे और सूसू कुमार को पकड़ेंगे. ऐसे लोगों पर एनडीएमसी के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.
एनडीएमसी इलाके में पब्लिक टायलेट यूनिट और मोबाइल टायलेट बनाने का काम भी तेज गति से चल रहा है. शहरी विकास मंत्रालय ने पहले ही एनडीएमसी को 100 फीसदी शौचमुक्त इलाका घोषित कर दिया है. पिछले साल एनडीएमसी को स्वच्छ सर्वेक्षण में चौथा स्थान मिला था, लिहाजा इस बार एनडीएमसी की ये पूरी कवायद स्वच्छ सर्वेक्षण में पहला स्थान पाने की है.
अंजलि कर्मकार / रोशनी ठोकने / खुशदीप सहगल