संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक हुई. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना में अलगाव के बीच हुई इस बैठक में एनडीए के घटक दलों में तालमेल बनाए जाने की मांग उठी. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) पहले ही एनडीए में समन्वय के लिए समिति बनाए जाने की मांग उठा चुका है और अब लोकजन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसकी मांग उठाई है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सहयोगी दलों की चिंता से इत्तेफाक जताया. पीएम मोदी ने कहा कि हम परिवार हैं. हम लोग मिलकर लोगों के लिए काम करते हैं. हमें बड़ा जनादेश मिला और हमें उसका सम्मान करना चाहिए. शिवसेना का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा, 'विचारधारा एक नहीं होने के बावजूद हम एक समान सोचने वाले लोग हैं. छोटे-छोटे विवादों से हमें परेशान नहीं होना चाहिए. आपस में तालमेल के लिए समन्वय कमेटी बनाई जानी चाहिए.'
अमित शाह खत्म कर सकते हैं संकट
असल में, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से अलग हो चुकी शिवसेना ने एनडीए की बैठक का बहिष्कार किया. केंद्रीय मंत्री और एनडीए की सहयोगी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख रामदास अठावले ने कहा, शिवसेना मीटिंग में नहीं थी. हालांकि शिवसेना के विनायक राउत सर्वदलीय बैठक में मौजूद थे. मेरा मानना है कि इस समस्या को खत्म किया जाना चाहिए. मैंने अमित भाई (अमित शाह) से भी इस सिलसिले में बोला.
बीजेपी और शिवसेना ही सरकार बनाएंगी
रामदास अठावले ने बताया, 'अमित भाई ने कहा कि सभी चीजें सही दिशा में जा रही हैं. अंत में बीजेपी और शिवसेना ही सरकार (महाराष्ट्र में) बनाएंगी. मुझे लगता है कि शिवसेना को अपना रुख बदलना चाहिए. कांग्रेस शिवसेना को सपोर्ट करने को तैयार नहीं है.'
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रामदास अठावले ने कहा, 'मैंने अमित भाई (बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह) से कहा कि अगर वह मध्यस्थता करते हैं तो रास्ता निकाला जा सकता है, इस पर उन्होंने (अमित शाह) ने कहा कि "चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा. बीजेपी और शिवसेना सरकार बनाने के लिए साथ आएंगी.'
एनडीए की बैठक खत्म होने के बाद चिराग पासवान ने कहा, 'प्रधानमंत्री को सुनना अच्छा लगा. शिवसेना की कमी खली. शिवसेना बैठक से नदारद रही. लोजपा के तौर पर हम कहना चाहते हैं कि हमें एनडीए में समन्वय बनाए जाने की जरूरत है. इसके लिए किसी को संयोजक नियुक्त किया जाना चाहिए.'
पॉलोमी साहा / कमलजीत संधू