एनडी तिवारी: देश का एकमात्र राजनेता जो दो राज्यों का रहा मुख्यमंत्री

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का निधन हो गया है. उन्होंने 93 साल की उम्र में दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली.

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एनडी तिवारी (फाइल फोटो) एनडी तिवारी (फाइल फोटो)

देवांग दुबे गौतम

  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे लंबे समय से बीमार थे. एनडी तिवारी की गिनती देश के दिग्गज राजनेताओं में होती थी. वे दो राज्य के मुख्यमंत्री रहने वाले देश के एकमात्र राजनेता थे.

एनडी तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वह 1976-77, 1984-85, 1988-89 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वहीं 2002 से 2007 तक तिवारी उत्तराखंड के सीएम रहे. वह राजीव गांधी कैबिनेट में विदेश मंत्री भी रह चुके थे. साल 2007 से 2009 तक एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे. हालांकि सेक्स स्कैंडल कांड के बाद उन्हें राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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नैनीताल में हुआ था जन्म

एनडी तिवारी का जन्म नैनीताल के बलौटी गांव में 18 अक्टूबर 1925 को हुआ था. शुरुआती पढ़ाई के बाद वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए, जहां से उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए और फिर एलएलबी की. वह 1947 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए. 1947 से 1949 तक वे ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस के सचिव रहे.

तिवारी ने 1954 में सुशीला तिवारी से विवाह किया. 14 मई 2014 को उन्होंने उज्ज्वला तिवारी से 88 साल की आयु में शादी की. एनडी तिवारी उज्ज्वला के बेटे रोहित शेखर के जैविक पिता थे.

1952 में पहली बार विधायक बने

एनडी तिवारी साल 1952 में पहली बार नैनीताल से विधायक बने. उन्होंने प्रजा समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव में जीत हासिल की. साल 1957 में एक बार फिर नैनीताल से चुनाव जीते और विधानसभा में विपक्ष के नेता बने. साल 1963 में वह कांग्रेस से जुड़े और साल 1965 में काशीपुर से विधायक बने.

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साल 1994 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एक नई पार्टी लॉन्च कर दी थी. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुन सिंह के साथ कांग्रेस (तिवारी) के नाम से एक नई पार्टी बनाई. हालांकि जब सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं तो फिर वह कांग्रेस में लौट आए.

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