महाराष्ट्र विधानसभा: दिलीप पाटिल होंगे प्रोटेम स्पीकर, कल हो सकता है फ्लोर टेस्ट

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक दिलीप वालसे पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर होंगे. इससे पहले बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार शनिवार को अपना बहुमत साबित कर सकती है.

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दिलीप वालसे पाटिल होंगे महाराष्ट्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर (ट्विटर) दिलीप वालसे पाटिल होंगे महाराष्ट्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर (ट्विटर)

साहिल जोशी

  • मुंबई,
  • 29 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

  • दिलीप पाटिल पहले भी स्पीकर रह चुके
  • छठी बार चुनाव जीते NCP के दिलीप

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक दिलीप वालसे पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर होंगे. इससे पहले बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार शनिवार को अपना बहुमत साबित कर सकती है. हालांकि राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था.

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महाराष्ट्र विधानसभा में शनिवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. सूत्रों का कहना है कि उद्धव सरकार शनिवार की दोपहर दो बजे के करीब बहुमत साबित कर सकती है.

विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं दिलीप

दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र की राजनीति में जाना-माना नाम हैं और राज्य की विधानसभा में स्पीकर भी रह चुके हैं. स्पीकर के अलावा वह राज्य में बिजली, वित्त और उच्चतर तकनीकी शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. पाटील को शरद पवार के बेहद करीबी माना जाता है.

हालांकि उनके राजनीतिक करियर की खास बात यह है कि वह कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार के निजी सलाहाकर (PA) रह चुके हैं.

छठी बार बने विधायक

दिलीप वलसे पाटिल अंबेगांव विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह इस बार चुने जाने से पहले 5 बार विधायक रह चुके हैं. वह इस बार लगातार छठी बार विधायक चुने गए हैं.

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पाटिल नवंबर 2009 से नवंबर 2014 के बीच महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर रहे हैं. दिलीप पाटिल का ताल्लुक एक राजनीतिक परिवार से है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शरद पवार के पीए के रूप में की थी. 1990 में वह पहली बार विधानसभा के चुनाव मैदान में उतरे थे.

राज्यपाल ने दिया 3 दिसंबर तक का वक्त

हालांकि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बहुमत साबित करने के लिए उद्धव ठाकरे को 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था. अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तय वक्त से काफी पहले बहुमत परीक्षण कराने को तैयार हैं.

देवेंद्र फडणवीस के सरकार बनाने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ राज्यपाल के फैसले और फडणवीस सरकार के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट के जल्द बहुमत सिद्ध करने के फैसले के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफा देने के बाद छत्रपति शिवाजी स्टेडियम में 28 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

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