ड्रोन और मोर्टार बनाना सीख रहे हैं नक्सली!

पुलिस से मुकाबला करने के लिए नक्सली अब ड्रोन और मोर्टार बनाना सीख रहे हैं. यह खुलासा नक्‍सलियों की एक चिट्ठी से हुआ है, जो 30 मई, 2014 को लिखी गई है. इसके मुताबिक, नक्सली बाइक के इंजन को जोड़कर ड्रोन और आईईडी ब्‍लास्‍ट करने की तकनीक पर काम कर रहे हैं.

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aajtak.in

  • रांची,
  • 15 जून 2015,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

पुलिस से मुकाबला करने के लिए नक्सली अब ड्रोन और मोर्टार बनाना सीख रहे हैं. यह खुलासा नक्‍सलियों की एक चिट्ठी से हुआ है, जो 30 मई, 2014 को लिखी गई है. इसके मुताबिक, नक्सली बाइक के इंजन को जोड़कर ड्रोन और आईईडी ब्‍लास्‍ट करने की तकनीक पर काम कर रहे हैं.

इस नक्सली चिट्ठी ने पुलिस की नींद उड़ा रखी है . इस चिट्ठी के जरिए नक्‍सली नेता ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी अपने वरिष्‍ठ नेताओं को दी है. उनका तकनीकी विंग बाइक के इंजन से ड्रोन बनाने में जुटा है. अनुज उर्फ परवेज प्रोजेक्ट लीडर है.

एडीजी एसएन प्रधान के मुताबिक, नक्सलियों ने लेवी की रकम में भी संशोधन किया है. उनका अगला प्रोजेक्ट रिमोट कंट्रोल आईईडी है. इस काम शुरू हो चुका है. आईईडी बन जाने से माओवादी रिमोट के जरिए बम ब्लास्ट कर पाएंगे.

नक्सलियों ने बिहार और झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों के पुलिस स्टेशन, सदर अस्पताल, जेल, कलेक्ट्रेट बिल्डिंग, ब्लॉक ऑफिस, सिविल कोर्ट, एसडीओ ऑफिस और रेलवे स्टेशन का वीडियो भी बना रखा है.

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