हाफिज के समर्थन वाली पार्टी से चुनाव लड़ेगी नवाज शरीफ की रिश्‍तेदार

अल्लाह-उ-अकबर तहरीक को मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद की मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) का समर्थन मिला हुआ है. एमएमएल प्रतिबंधित जमात उद दावा का राजनीतिक चेहरा है.

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नवाज शरीफ-हाफिज सईद नवाज शरीफ-हाफिज सईद

रणविजय सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2018,
  • अपडेटेड 9:09 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की एक करीबी रिश्तेदार हाफिज सईद के समर्थन वाली एक पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं. मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज की करीबी रिश्ते की बहन बेगम सायरा बानो प्रांतीय असेंबली की सीट पर अल्लाह-उ-अकबर तहरीक (एएटी) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.

अल्लाह-उ-अकबर तहरीक को मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद की मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) का समर्थन मिला हुआ है. एमएमएल प्रतिबंधित जमात उद दावा का राजनीतिक चेहरा है.

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बता दें कि हाफिज सईद ने चुनाव लड़ने के मकसद से मिल्ली मुस्लिम लीग का गठन किया था. लेकिन उसे राजनीतिक पार्टी के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं किया गया. इसके बाद आतंक फैलाने वाले हाफिज सईद ने अल्लाह-उ-अकबर पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

पाकिस्तान में 25 जुलाई को है चुनाव

पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं. पाकिस्तान नेशनल असेंबली की कुल 272 सीटें हैं, जिनमें 265 सीटों पर हाफिज सईद अपने उम्मीदवार उतार रहा है. हालांकि, उसने खुद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है लेकिन उसका बेटा तल्हा सईद और दामाद चुनाव लड़ रहा है.

हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा को जून 2014 में अमेरिका ने विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था. वहीं, अमेरिका ने आतंकवादी संगठनों की जो लिस्ट जारी की उसमें मिली मुस्लिम लीग और तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर को लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन बताया गया है. हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकवादी करार दिया गया है.

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FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल

पाकिस्तान को एक बार फिर फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है. पाकिस्‍तान को फरवरी में ग्रे लिस्ट में डालने की कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन बीते 4 महीनों में पाकिस्तान दुनिया को ये भरोसा नहीं दे पाया कि वो आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर गंभीर है. नतीजा ये हुआ कि पेरिस में हुई एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई हुई. वैसे पाकिस्तान में जब आतंकी ही नेता बनने लगें तो समझ लेना चाहिए कि उस देश का हाल क्या है.

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