अब खराब मौसम के कारण नहीं होगी हवाई उड़ानों में देरी, नासा ने बनाया सॉफ्टवेयर

नासा ने एक ऐसे नए सॉफ्टवेयर टूल का विकास किया है, जो मौसम के कारण उड़ानसेवाओं में होने वाली देरी को कम से कम करने में मदद करेगा. यह सॉफ्टवेयर एयर ट्रैफिक का आंकलन करके उड़ान के समय और खपत होने वाली ईंधन दोनों में बचत करेगा.

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aajtak.in

  • वाशिंगटन,
  • 16 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST

नासा ने एक ऐसे नए सॉफ्टवेयर टूल का विकास किया है, जो मौसम के कारण उड़ानसेवाओं में होने वाली देरी को कम से कम करने में मदद करेगा. यह सॉफ्टवेयर एयर ट्रैफिक का आंकलन करके उड़ान के समय और खपत होने वाली ईंधन दोनों में बचत करेगा.

नासा ने कहा कि मौसम के कारण पैदा हुई बाधाओं और इससे उपजी निराशा को कम करने के लिए डिजाइन किए गए इस टूल का परीक्षण अच्छा चल रहा है. अमेरिकन एयरलाइन्स और अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन इन परीक्षणों से जुड़े हैं.

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डायनेमिक वैदर रूट्स (डीडब्ल्यूआर) नामक यह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टूल पूरे ‘नेशनल एयरस्पेस सिस्टम’ के एयर ट्रैफिक का विश्लेषण करने के लिए प्रोग्राम किया गया है. इसके साथ ही यह लगातार बदलने वाले मौसम में होने वाले इन बदलावों का भी विश्लेषण कर सकता है, जिनके चलते किसी विमानसेवा को रास्ता बदलना पड़ता है.

जब डीडब्ल्यूआर टूल को कोई ऐसा मौका मिलता है, जहां कोई एयर सर्विस अपने लक्ष्य तक ज्यादा दक्षता के साथ, समय व पैसा बचाते हुए और तूफान से पर्याप्त सुरक्षित दूरी से निकलकर पहुंच सकती है तो उड़ान भेजने वाले कंप्यूटर में एक अलर्ट बजने लगता है.

अमेरिकन एयरलाइन्स इस तकनीक का आकलन 2012 से ही कर रही है. उदाहरण के लिए इस सॉफ्टवेयर की मदद से बोइंग 777 के एक विमान ने तूफानों के दौरान डलास से ब्यूनोस तक की दूरी को तय समय से 26 मिनट कम समय में तय किया.

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कैलिफोर्निया स्थित नासा के एमेस रिसर्च सेंटर में डीडब्ल्यूआर के प्रमुख इंजीनियर डेविड मैकनैली ने कहा, ‘हमें अमेरिकन एयरलाइन्स से काफी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं.’

इनपुटः भाषा से

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