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चीनी अधिकारियों के आपत्ति जताने और भारत सरकार के सामने अपनी चिंता जाहिर करने के बाद सेना ने इस अभ्यास को एक सामान्य 'अनुकूलन अभ्यास' बता दिया.

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 नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ

संदीप उन्नीथन

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ महाबलीपुरम में अनौपचारिक शिखर बैठक के कारण भारतीय सेना को अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े स्तर के युद्धाभ्यास को दबाना-छिपाना पड़ रहा है. दरअसल, चीनी पक्ष ने 'हिम विजय' नाम के इस पर्वतीय युद्धाभ्यास पर सवाल उठाने शुरू कर दिए.

इस वक्त चल रहे इस युद्धाभ्यास का मकसद चीन के साथ किसी युद्ध की स्थिति में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने और अपनी पोजिशन को सुरक्षित रखने की सेना की क्षमता की पड़ताल करना है. चीनी अधिकारियों के आपत्ति जताने और भारत सरकार के सामने अपनी चिंता जाहिर करने के बाद सेना ने इस अभ्यास को एक सामान्य 'अनुकूलन अभ्यास' बता दिया.

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वहीं, 1 अक्तूबर को चीन ने अपनी स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर अपनी अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड का आयोजन किया जिसमें बैलिस्टिक मिसाइलें, बमवर्षक और ड्रोन प्रदर्शित किए गए—जिनमें पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को जद में लेने की क्षमता है.

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