प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बिहार के बेहतर भविष्य के लिए लड़ रहे हैं. यह बात पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एमजे अकबर ने कही. उन्होंने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के गठबंधन को ‘झूठे वादों का गठबंधन’ करार दिया.
एमजे अकबर ने कहा, ‘अगर आप बिहार चुनावों में बीजेपी की संभावनाओं को देखना चाहते हैं, तो टेलीविजन चैनल देखिए. आप नरेन्द्र मोदी की हर रैली में भारी भीड़ देखेंगे. ये लोग 6-8 घंटे की यात्रा करते हैं, किसी और को वोट देने के लिए नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह बिहार के अगले 25 वर्ष के लिए पहला चुनाव लड़ रहे हैं, बिहार के भविष्य, बिहार की समृद्धि के लिए लड़ रहे हैं. वे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के विफल वादों के खिलाफ लड़ रहे हैं.’
'कामयाब होंगी मोदी की योजनाएं'
अकबर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 'जनधन योजना' और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना बिहार के लोगों के बीच काफी सफल होगी, क्योंकि इससे राज्य के संपूर्ण विकास में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘नीतीश और लालू का गठबंधन बीता हुआ गठबंधन है. यह पिछले कुछ दशक का विफल वादों का गठबंधन है.’
'पुरस्कार लौटाने के पीछे राजनीतिक मंशा'
असहिष्णुता की शिकायत करते हुए लेखकों द्वारा पुरस्कार लौटाने के बारे में उन्होंने कहा कि वे ऐसा बिहार चुनावों से पहले कर रहे हैं और यह राजनीतिक रूप से प्रेरित है. अकबर ने कहा, ‘मैं नामों में नहीं जाना चाहता. लेकिन कुछ लेखकों को 1984 के सिख दंगों के कुछ वर्ष बाद ही पुरस्कार मिले थे, कुछ को असम में अल्पसंख्यकों के नरसंहार के बाद मिले. तब मानवीय मूल्य और नैतिक मूल्य कहां थे?’
उन्होंने कहा, ‘अधिकतर मामलों में उन्होंने (लेखक) कथित गुस्से को लेकर काफी चुनिंदा रुख अपनाया, जिससे कोई संदेह कर सकता है कि पुरस्कार लौटाने में उनकी राजनीतिक मंशा निहित है. इसका मानवीय मूल्यों से कोई लेना-देना नहीं है.’
देश के विभिन्न हिस्से में अल्पसंख्यकों पर हमले के बारे में पूछे जाने पर अकबर ने कहा, ‘कानून-व्यवस्था राज्य सरकार के हाथ में है. कांग्रेस शासित कर्नाटक या समाजवादी पार्टी शासित उत्तर प्रदेश में सभी घटनाएं हो रही हैं. वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने के खिलाफ प्रदर्शन क्यों नहीं हो रहे हैं?’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि यह हिंदुओं को निर्णय करना है कि वे गरीबी से लड़ना चाहते हैं या मुस्लिमों से और मुस्लिमों को निर्णय करना है कि उन्हें गरीबी से लड़ना है या हिंदुओं से. क्या कोई प्रधानमंत्री इससे ज्यादा स्पष्ट कर सकता है कि वह सभी के बीच शांति चाहता है और सभी के लिए विकास चाहता है.’
अमरेश सौरभ