तट पर पहुंचने से पहले ही कमजोर हो जाएगा चक्रवाती तूफान नाडा

ऐसा अनुमान है यह मौसम सिस्टम कडलूर के दक्षिण में पुदुचेरी के पास होता हुआ 2 दिसंबर को सुबह-सुबह लैंड फॉल करेगा. हालांकि राहत की बात यह है जब यह सिस्टम पुदुचेरी के पास पहुंचेगा तो यह कमजोर हो चुका होगा

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आने से पहले कमजोर होगा तूफान आने से पहले कमजोर होगा तूफान

सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली ,
  • 01 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST

खबरों के अनुसार अभी चक्रवाती तूफान नाडा बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-पश्चिम हिस्से में है. साइक्लोन सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक चक्रवाती तूफान 28 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. इस समय चक्रवाती तूफान नाडा चेन्नई से दूरी 340 किलोमीटर दक्षिण दक्षिण पूर्व में है. वहीं पुदुचेरी से चक्रवाती तूफान नाडा की दूरी 270 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक चक्रवाती तूफान पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ता हुआ उत्तरी तमिलनाडु तट को पार करेगा.

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ऐसा अनुमान है यह मौसम सिस्टम कडलूर के दक्षिण में पुदुचेरी के पास होता हुआ 2 दिसंबर को सुबह-सुबह लैंड फॉल करेगा. हालांकि राहत की बात यह है जब यह सिस्टम पुदुचेरी के पास पहुंचेगा तो यह कमजोर हो चुका होगा और इसकी ताकत एक सघन कम दबाव के क्षेत्र यानी डिप्रेशन की होगी.

भारी बारिश की है आशंका
चक्रवाती तूफान नाडा के चलते मौसम विभाग ने तमिलनाडु और पुदुचेरी में कई जगहों पर 2 दिसंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश होने का अंदेशा जताया है. इस वेदर सिस्टम के चलते तमिलनाडु के अंदरुनी हिस्सों में भी कुछ जगहों पर 1 दिसंबर और 2 दिसंबर को भारी बारिश दर्ज की जा सकती है. इसी के साथ इस वेदर सिस्टम का असर केरल में भी देखा जाएगा यहां पर 2 दिसंबर और 3 दिसंबर को ज्यादातर जगहों पर मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है.

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मौसम विभाग ने तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटीय इलाकों में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है. तेज हवाओं का यह दौर उत्तरी तमिलनाडु और पुदुचेरी में ज्यादा असर दिखाएगा, इसके चलते कई इलाकों में समुद्री तट के करीब ना जाने की सलाह दी है.

बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन नाडा की मौजूदगी के चलते तमिलनाडु और पुडुचेरी के समुद्र तट पर ऊंची ऊंची लहरें उठने की संभावना है. ऊंची लहरें 1 दिसंबर से शुरू होंगी और स्थिति 2 दिसंबर तक बनीं रहेगी. गौरतलब है कि तट के पास बसी बस्तियों को तूफान से काफी नुकसान होने की संभावनाएं हैं.

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