मुंबई-नागपुर सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे अब शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के नाम से जाना जाएगा. शुक्रवार को महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव के मुताबिक अब इस एक्सप्रेसवे को हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग के नाम से जाना जाएगा. 701 किलोमीटर लंबे इस महामार्ग के बनने से मुंबई से नागपुर की दूरी मात्र छह घंटे में पूरी की जा सकेगी.
इससे पहले बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ ने इस एक्सप्रेसवे का नाम डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर रखने को कहा था क्योंकि यह सड़क दीक्षा भूमि (जहां पर बाबासाहेब अंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था) और चैत्य भूमि (जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया) को जोड़ता है.
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राजमार्ग का नाम शिवसेना संस्थापक के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा गया था. एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बाला साहेब के महाराष्ट्र के लिए योगदान को देखते हुए राजमार्ग का नाम उनके नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा गया है. जिसे सीएम समेत सभी मंत्रियों ने मंजूर कर लिया.
फडणवीस सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था काम
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत मुंबई-नागपुर सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे की शुरुआत की थी. 600 किलोमीटर तक का इसका निर्माण कार्य दिसंबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया.
आठ लेन वाले 701 किलोमीटर निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे को महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के नाम से भी जाना जाता है. इस परियोजना की शुरुआत पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार ने की थी, जिसमें शिवसेना भी सहयोगी थी.
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