प्रवासी श्रमिकों के बड़ी संख्या में मुंबई छोड़ने की वजह से मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) को विज्ञापन देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. MMRDA ने 16 हजार श्रमिकों की रिक्तियों के लिए विज्ञापन निकाला है. 15 जून को निकाले गए विज्ञापन में एजेंसी ने कुशल और अकुशल श्रम बल दोनों की आवश्यकता जताई है.
विज्ञापन में कहा गया है कि MMRDA की ओर से लिए गए विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए 16,726 श्रमिकों की आवश्यकता है. इनमें 274 राजमिस्त्री, 2678 बढ़ई, 366 स्टील फिटर्स, 3359 बार बेंडिंग और फिक्सिंग फिटर्स, 423 वेल्डर्स, 2167 इलेक्ट्रिशियंस और 7459 अकुशल मजदूरों की रिक्तियां शामिल हैं.
विज्ञापन में कहा गया है, "Covid-19 लॉकडाउन की वजह से कुशल और अकुशल श्रमिक बड़ी संख्या में अपने मूल स्थानों को चले गए, इस वजह से ठेकेदारों के पास श्रमिकों की कमी हो गई है. ऐसी स्थिति में एजेंसी की ओर से मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिलों में लिए गए प्रोजेक्ट प्रभावित हो रहे हैं.”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आदेश दिया है कि मौजूदा संकट से उत्पन्न कार्य महाराष्ट्र के कुशल और अकुशल कार्यबल को प्रदान किए जाएं. साथ ही भरोसा दिया गया कि विभिन्न ठेकेदारों के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों की देखभाल की जाएगी और उन्हें शेल्टर दिया जाएगा.
ये आश्वासन विज्ञापन में दिया गया है- "पानी, बिजली मुफ्त मिलेंगे...काम के स्थान पर मुफ्त परिवहन की सुविधा दी जाएगी...छोटे ठेकेदारों को कार्यबल के भोजन की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी...मुख्य ठेकदार पर श्रमिकों की सुरक्षा, चिकित्सा और बीमा की जिम्मेदारी होगी.”
मुंबई में कोरोना से राहत, अब 29 दिनों में दोगुनी हो रही संक्रमितों की तादाद
इसके अलावा, जो लोग नौकरी के लिए आवश्यक कौशल नहीं रखते हैं, लेकिन इससे जुड़ना चाहते हैं तो उन्हें एक महीने की नि:शुल्क स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. हालांकि MMRDA के एक अधिकारी ने संदेह जताया कि क्या ऐसा मुमकिन हो सकेगा.
MMRDA के एक और अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर कहा, "कई प्रवासी मजदूर अब अपने मूल स्थानों से यहां वापस आना चाहते हैं. और ठेकेदार भी उन्हें लाने के लिए बसें भेजने को तैयार हैं क्योंकि उनके काम पर असर पड़ रहा है."
MMRDA ने 17 जून को BMC को एक अस्थायी Covid19 अस्पताल सौंपा गया है. एजेंसी की ओर मेट्रो लाइन्स और फ्लाईओवर्स सहित कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है.
पंकज उपाध्याय