Movie Review: ये 'रुस्तम' तो कमजोर निकला

अगर आप 'रुस्तम' को यह सोचकर देखने जा रहे हैं कि यह किसी सच्ची घटना पर आधारित है तो ऐसा नहीं है. यह सिर्फ नानावटी कांड से प्रेरित है, बाकी फिल्म कल्पना के सहारे गढ़ी गई है. जानें कैसी है फिल्म.

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'रुस्तम' 'रुस्तम'

नरेंद्र सैनी / पूजा बजाज

  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

रेटिंगः 2.5

डायरेक्टरः टीनू सुरेश देसाई

कलाकारः अक्षय कुमार, इलियाना डि‍क्रूज, ईशा गुप्ता और पवन मल्होत्रा

अगर आप 'रुस्तम' को यह सोचकर देखने जा रहे हैं कि यह किसी सच्ची घटना पर आधारित है तो ऐसा नहीं है. यह सिर्फ नानावटी कांड से प्रेरित है, बाकी फिल्म कल्पना के सहारे गढ़ी गई है, और पात्रों को बॉलीवुड स्टाइल में पोषित किया गया है. बिल्कुल उसी स्टाइल में जैसे सदियों से होता आया है. डायरेक्टर ने अच्छे थ्रिलर और सस्पेंस का छौंक लगाने की कोशिश की है, लेकिन वह बॉलीवुड की बंधी-बंधाई परिपाटी को लांघने में सफल नहीं रहे हैं, और एक नेवी ऑफिसर की बीवी के विवाहेतर संबंधों के नए कॉन्सेप्ट को वे बॉलीवुड मे लेकर तो आए, लेकिन उसके साथ उस तरह का बोल्ड ट्रीटमेंट नहीं कर सके जैसी उम्मीद थी. रुस्तम थोड़ी लंबी है और डायरेक्टर ने इसे 15 अगस्त वाले वीकेंड पर रिलीज क्यों किया है यह भी फिल्म देखकर समझ आ जाएगा. सस्पेंस फैक्टर कहानी के मुताबिक नहीं बल्कि डायरेक्टर और बॉलीवुड के मुताबिक चलता है.

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कहानी में कितना दम
अक्षय कुमार यानी रुस्तम भारतीय नौसेना का एक बहादुर सिपाही है. वह अपने देश से प्यार करता है और घर से ज्यादा समय उसे अपने कर्तव्य को पूरा करते हुए बिताना होता है. वह तय समय से कुछ पहले अपने घर लौटकर आता है तो देखता है कि उसके बीवी घर पर नहीं है. उसे घर से गए 24 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया है. वह बीवी को ढूंढने निकलता है. बीवी (इलियाना डि‍क्रूज) को एक शख्स के साथ देखता है. वह उस शख्स (अर्जन बाजवा) का कत्ल कर देता है. इसके बाद शुरु होता है कोर्ट रूम ड्रामा. कहानी नानानटी केस से प्रेरित है, हूबहू वैसी नहीं है. फिल्म में पहले हाफ में जो समां बंधा था वह अंत आने तक उतना असरदार नहीं रहता है. फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले नीरज पांडेय के स्तर वाला नहीं है. डायरेक्टर हर बात की जो बॉलीवुड स्टाइल वजह देने की कोशिश करता है, वह अटकती है. इलियाना का कैरेक्टर बहुत मजबूत हो सकता था और फिल्म की जान भी. लेकिन डायरेक्टर का पूरा फोकस तो सुपरस्टार अक्षय कुमार पर था.

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स्टार अपील
अक्षय कुमार बॉलीवुड के वे सितारे हैं जो साल भर में तीन से चार फिल्में ले आते हैं. इस साल वह 'एयरलिफ्ट', 'हाउसफुल-3' के बाद अब 'रुस्तम' लेकर आए हैं. उन्होंने ठीक-ठाक एक्टिंग की है, जैसी वह करते आए हैं. रुस्तम के किरदार में जमते हैं लेकिन जैसा अक्सर उनके साथ होता है. कई बार उनका स्टोन फेस प्रॉब्लम पैदा कर देता है. उनके चेहरे पर भाव आना एकदम से बंद हो जाते हैं. ऐसा बॉलीवुड के कई सितारों के साथ हैं. इलियाना डि‍क्रूज अपने रोल में जमी हैं और सुंदर दिखती हैं. ईशा गुप्ता बिल्कुल सोशलाइट अंदाज में हैं और कैमरे का फोकस उनकी एक्टिंग से ज्यादा उनके कश खींचने और सेक्सी अंदाज पर रहा है. पवन मल्होत्रा की एक्टिंग भी अच्छी है और अर्जुन बाजवा को जितना काम मिला उन्होंने उसे बखूबी निभाया.

कमाई की बात
'रुस्तम' का संगीत अच्छा है. स्टारकास्ट बड़ी है और नीरज पांडेय जैसा नाम फिल्म से जुड़ा हुआ है, फिर वह बेशक बतौर प्रोड्यूसर ही क्यों न हो. उनका अक्षय के साथ रिकॉर्ड अच्छा रहा है. 'स्पेशल 26' और 'बेबी' हिट रही हैं. फिल्म का बजट लगभग 50 करोड़ रु. है, जिसमें अक्षय कुमार की फीस शामिल नहीं है. हालांकि इसका मुकाबला मेगा बजट फिल्म मोहेनजो दारो के साथ है. इन दोनों फिल्मों के मुकाबले को देखते हुए 'दिलवाले' और 'बाजीराव मस्तानी' का मुकाबला याद जाता है. जिसमें 'दिलवाले' ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज हुई थी और 'बाजीराव' कम पर. लेकिन बाजी 'बाजारीव' ने मारी थी. 'मोहेंजो दारो' भी ज्यादा स्क्रीन पर रिलीज हो रही है और 'रुस्तम' कम पर. देखना है कि इस बार क्या इबारत लिखी जाती है?

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