रेटिंगः1.5 स्टार
डायरेक्टरः शब्बीर खान
कलाकारः टाइगर श्रॉफ, श्रद्धा कपूर और सुधीर बाबू
टाइगर श्रॉफ की दूसरी फिल्म को लेकर बड़ी बेसब्री से इंतजार था. फिल्म का नाम 'बागी' था और यही नाम सलमान खान की फिल्म का भी रह चुका है. इससे बेसब्री में और इजाफा हो गया था. फिर कहा गया कि यह एक रोमांटिक एक्शन फिल्म है. फिल्म रिलीज से पहले कई तरह की बातें सामने आईं और टाइगर की तैयारियों को लेकर काफी वीडियो भी दिखाए गए.
फिर टाइगर श्रॉफ जहां भी प्रमोशन पर गए उन्होंने फ्लाइंग किक और कूदा-फांदी करके दर्शकों को लुभाया और अपने हुनर के हाथ भी दिखाए. यह सब देखने में खूब मजा आता था. टाइगर की कलाबाजियां अच्छी लगती थीं. बॉडी उनकी जबरदस्त है ही. अब जब फिल्म देखने पहुंचे तो यही बातें फिल्म में भी नजर आईं. उम्दा एक्शन और कुछ नहीं. स्क्रिप्ट और डायरेक्शन के मामले में फिल्म निराश करती है.
फिल्म की कहानी रॉनी टाइगर की है जिसके पिता उसे अनुशासित करने के लिए केरल भेजते हैं ताकि वह वहां जाकर मार्शल आर्ट के कुछ हुनर सीख सकें और जीवन को पटरी पर ला सके. वहां उसकी मुलाकात श्रद्धा कपूर से होती है. दोनों को एक दूसरे से इश्क हो जाता है. लेकिन जिंदगी इतनी आसान कहां?
हीरो-हीरोइन होंगे तो विलेन भी होगा. यहीं एंट्री सुधीर बाबू की होती है, वह भी श्रद्धा के लिए दीवाने हैं. फिल्म का फर्स्ट हाफ बढ़िया है. कनेक्शन बनाकर चलता है. लेकिन सेकंड हाफ बेअसर हो जाता है. फिर ऐसा लगता है कि डायरेक्टर को सिर्फ एक्शन दिखाने की जल्दबाजी है. इसी चक्कर में फिल्म पूरी तरह से पटरी से उतर जाती है.
जहां तक एक्टिंग की बात है तो टाइगर श्रॉफ एक्शन अच्छा कर लेते हैं. एक्टिंग के लिए उन्हें अभी काफी मेहनत करनी होगी. उनका चेहरे का इमोशन शून्य लगता है. श्रद्धा कपूर का डायरेक्टर ने भरपूर इस्तेमाल नहीं किया है. कहीं-कहीं ओवरएक्टिंग करती नजर आती हैं. फिल्म के विलेन सुधीर बाबू भी अपने एब्स दिखाते ही नजर आते हैं और औसत हैं.
फिल्म का बजट लगभग 40-50 करोड़ रुपये बताया जाता है. इस तरह फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर इस कंटेंट के साथ काफी मेहनत करनी होगी. फिल्म में युवा जोड़ी है. एक्शन है. लेकिन कमजोर कहानी है. इस वजह से बहुत उम्मीद नहीं जताई जा सकती. एक्शन प्रेमियों के लिए यह ठीक है. मजबूत फिल्म ढूंढने वालों को निराशा होगी.
नरेंद्र सैनी