क्या इस बार मॉनसून में डूब जाएगी दिल्ली, नालियों की अबतक नहीं हुई सफाई

दरअसल हर साल मॉनसून से पहले दिल्ली के छोटे बड़े नालों से कीचड़ निकाली जाती है ताकि बरसात शुरू होने पर पानी का बहाव बना रहे और कहीं भी जलभराव ना हो, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी दो- दो डेडलाइन पार करने के बाद दिल्ली के नालों की कीचड़ नहीं निकाली गई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

परमीता शर्मा / रोहित मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2018,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

देश की राजधानी दिल्ली में मॉनसून 27 जून को आ सकता है. बीते कई दिनों से जला देने वाली गर्मी और लू झेल रहे दिल्लीवासियो के लिए यकीनन मौसम विभाग की मॉनसून को लेकर की गई ये भविष्यवाणी किसी खुशखबरी से कम नहीं है. अब मौसम विभाग द्वारा मॉनसून की जानकारी एक तरफ दिल्लीवालों के लिए खुशखबरी है तो वहीं दूसरी तरफ यह उनकी परेशानी का सबब भी बन सकती है, क्योंकि इस बार मॉनसून दिल्ली को डुबो सकता है.

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दरअसल हर साल मॉनसून से पहले दिल्ली के छोटे बड़े नालों से कीचड़ निकाली जाती है ताकि बरसात शुरू होने पर पानी का बहाव बना रहे और कहीं भी जलभराव ना हो, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी दो- दो डेडलाइन पार करने के बाद दिल्ली के नालों की कीचड़ नहीं निकाली गई है.

पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत करीब 1 हजार 36 किलोमीटर की सड़कों के नाले आते हैं जिनमें अभी पूरी तरह से नालों की सफाई नहीं हुई है.

वहीं पूर्वी दिल्ली में आने वाले 312 नालों की बात करें तो यहां भी 32 फीसदी नालों से कीचड़ निकाली गई है. दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के किसी भी जोन में कोई नाला 100 फीसदी तक साफ नहीं हो सका है, फिर वो चाहे पूर्वी जोन हो, उत्तरी जोन हो या फिर दक्षिणी जोन हो. सत्येंद्र जैन के अंतर्गत आने वाली पीडब्ल्यूडी विभाग दो दो डेडलाइन मिस करने के बाद भी सिर्फ पूर्वी जोन में 50% नालों की सफाई नहीं कर पाया है.

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हर काम के ना होने के पीछे एलजी को जिम्मेदार ठहराने वाले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में आने वाले नालों का भी बुरा हाल है. मनीष सिसोदिया के इलाके में 31 नाले आते हैं जिसमें 18 नाले ऐसे हैं जहां अभी काम शुरू भी नहीं हुआ है.

सदर बाजार और करोल बाग में लोगों को हो सकती है परेशानी

पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन के विधानसभा क्षेत्र में 8 नाले आते हैं. 22 जून तक इन नालों से एक फीसदी भी कीचड़ नहीं निकाली गई थी. चांदनी चौक से विधायक अल्का लांबा के इलाके का भी हाल बुरा है. बारिश होने पर यहां भी जलभराव से भयंकर हालात पैदा हो सकते हैं. अलका लांबा के इलाके में 20 नाले हैं जिनमें 8 नाले ऐसे हैं जिनसे कीचड़ निकालने का काम शुरू नहीं हुआ है. दिल्ली के मशहूर बाजारों में शामिल सदर बाजार और करोल बाग में भी नालों की सफाई नहीं हुई है जिसके चलते बारिश में यहां पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र में 29 नाले आते हैं जिनमें सिर्फ 2 ही नालों की कीचड़ निकाली गई है यानी 27 नाले अब भी कीचड़ से भरे हुए हैं. वहीं करोल बाग विधानसभा क्षेत्र में मौजूद 12 नालों में से अब तक सिर्फ एक नाले से ही कीचड़ निकाली गई है. ऐसा नहीं है कि दिल्ली सरकार को इसकी जानकारी नहीं है, दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक विधानसभा में इस मसले को उठा चुके हैं.

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