चीन को नरेंद्र मोदी की दो टूक, कोई ताकत नहीं कर सकती अरुणाचल को हमसे जुदा

अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार दावा किए जाने का जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत से इस राज्य को अलग नहीं कर सकती है.

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असम रैली में मोदी असम रैली में मोदी

aajtak.in

  • ईटानगर/गुवाहाटी,
  • 23 फरवरी 2014,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार दावा किए जाने का जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत से इस राज्य को अलग नहीं कर सकती है.

राज्य के पासीघाट कस्बे में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि राज्य के बहादुर शहीदों के कारण ही देश की पूर्वोत्तर सीमा सुरक्षित है. समय बदल रहा है और चीन को भी अरुणाचल प्रदेश के प्रति अपने रवैये में बदलाव लाना होगा. मैं यहां आपको यह आश्वासन देने आया हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत से अरुणाचल प्रदेश को अलग नहीं कर सकती.

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चीन की विस्तारवादी मानसिकता को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि विस्तारवाद के लिए दुनिया में कोई जगह नहीं है. विचार विकास का है. किस तरह देश का विकास किया जा सकता है, लोगों के लिए क्या किया जा सकता है. चीन को अपनी विस्तारवादी मानसिकता से बाज आना होगा. मोदी ने कहा कि पूरब में अरुणाचल प्रदेश पर सबसे पहले सूर्य की किरणें पड़ती हैं और पश्चिम में गुजरात पर सबसे अंतिम किरण पड़ती है.

गुजरात में अस्त होता हुआ सूरज हर शाम यह वादा करता है कि अगली सुबह वह फिर अरुणाचल प्रदेश में आएगा. उन्होंने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश हर रोज देश को जगाता है. राज्य की विपुल जल संपदा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश पूरे देश को रोशन कर सकता है. लोग हालांकि बड़े बांधों के खिलाफ हैं, लेकिन छोटे बांध बनाकर राज्य की क्षमता का दोहन किया जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की वजह से अरुणाचल प्रदेश के पास विश्व की पर्यावरण राजधानी बनने की संभावनाएं हैं. मोदी ने कहा कि औषधीय जड़ी-बूटी, बागवानी और दस्तकारी राज्य की बेरोजगारी और गरीबी जैसी मुश्किलों को दूर कर सकता है, क्योंकि इसी क्षेत्र ने अब तक लोगों को सबसे ज्यादा नौकरियां दी हैं. मोदी ने नीडो तानिया की मौत पर भी दुख प्रकट किया, जिसकी राष्ट्रीय राजधानी में पिटाई के बाद मौत हो गई थी.

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के छात्रों और रोजगार की तलाश में जाने वालों के लिए दिल्ली, बेंगलुरू और चेन्नई जैसी जगहों पर छात्रावास बनने चाहिए. पासीघाट और असम के सिल्चर में मोदी ने ज्वलंत समस्याओं को उठाया और लोगों से 60 महीने का समय देने की मांग की.

जुल्म होगा तो हिंदू भारत ही आएंगे...
सिल्चर में मोदी ने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ, हिंदू शरणार्थी और 'डी' मतदाता (अपंजीकृत किए गए/संदिग्ध) के मामले 60 महीने के भीतर सुलझा लिए जाएंगे.

मोदी ने कहा कि असम बांग्लादेश की सीमा पर है और गुजरात पाकिस्तान की सीमा से सटा है. जहां असम की सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण होने वाली समस्या को झेलने के लिए विवश है, तो पाकिस्तान मेरे लिए गुजरात में समस्याएं खड़ी करता रहता है. अब आपको फैसला लेना है कि आप बांग्लादेश से पीड़ित रहना चाहेंगे या नहीं.

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उन्होंने कहा कि मित्रों मैं आपके लिए आया हूं. मुझ पर एक बार भरोसा कीजिए और मैं यदि सत्ता में आ गया तो मैं असम में हिरासत की प्रणाली को ही खत्म कर दूंगा. सरकार वोट बैंक की राजनीति की खातिर लोगों के मानवाधिकार का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से दो तरह के लोग आते हैं. एक वे हैं जो कट्टरपंथियों की प्रताड़ना के कारण वहां से भागते हैं. दूसरे वे हैं जो राजनीतिक साजिश के तहत आते हैं.

जब दुनिया भर में हिंदुओं की प्रताड़ना होती है तो उनके पास भारत में आने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता. इतना कहकर उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे शरणार्थियों को पूरे देश में बसाया जाना चाहिए न कि केवल असम पर बोझ डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो साजिश के तहत आते हैं उन्हें वापस जाना होगा.

मोदी ने असम के चाय बागान में काम करने वाले मजदूरों की समस्या पर भी बात की.

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