'पत्थरबाजों' को सही राह पर लाएगी मोदी सरकार की यह खास प्लानिंग!

जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा के बीच नरेंद्र मोदी सरकार घाटी के युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है. मोदी सरकार ने इस काम की जिम्मेदारी अपने अहम मंत्रालयों रक्षा, सड़क परिवहन, अल्पसंख्यक और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को सौंपी है और जल्द ही इस विषय में ठोस नीतियां बनाकर लाने को कहा है.

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जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी

रीमा पाराशर

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2017,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा के बीच नरेंद्र मोदी सरकार घाटी के युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है. मोदी सरकार ने इस काम की जिम्मेदारी अपने अहम मंत्रालयों रक्षा, सड़क परिवहन, अल्पसंख्यक और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को सौंपी है और जल्द ही इस विषय में ठोस नीतियां बनाकर लाने को कहा है.

राज्य के शिक्षा मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी ने दिल्ली आकर एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की थी. दरअसल कश्मीर में जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार घाटी के हिंसा पर उतारू युवाओं को शिक्षा की तरफ वापस लाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए केंद्र सरकार वहां भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) की एक ऑफ कैंपस शाखा खोलने की तैयारी कर रही है.

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एचआरडी मंत्री जावड़ेकर ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि उनके मंत्रालय से एक टीम IIM कैंपस के लिए सर्वे करने अगले हफ्ते घाटी जाएगी. जावड़ेकर ने बताया, 'पिछले साल 30 स्कूलों को जला दिया गया, लेकिन इसके बावजूद 98% छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे.' इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे राज्य में छात्रों के लिए 7 नए हॉस्टल खोलने के साथ स्कॉलरशिप की राशि भी बढ़ाने जा रहे हैं.

ये भी हैं योजनाएं
- IIM की शाखा खोलने की तैयारी
- घाटी में स्कूल की संख्या बडाई जाए
- स्कूलों में e-class रूम फेसिलिटी को तवज्जो दी जाएगी
- लड़कियों के लिए घाटी में हॉस्टल और बनाए जाएंगे
- स्कूल और कॉलेज में छात्रों से संवाद कायम किया जाए

जावड़ेकर ने ये भी कहा, "सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य को 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं. अब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षा पर खर्च के लिए दिया गया यह पैसा सही जगह और लोगों पर इस्तेमाल हो." उन्होंने यह भी बताया कि कश्मीरी छात्रों से बातचीत के लिए दो राज्यमंत्री घाटी के स्कूल-कॉलेजों का दौरा करने वाले हैं.

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नौकरी की जिम्मेदारी अल्पसंख्यक मंत्रालय को
ये तो हुई शिक्षा की बात लेकिन इसके अलावा घाटी में भटक रहे नौजवानों को रोजगार कैसे मिले ये योजना तैयार करने का जिम्मा अल्पसंख्यक मंत्रालय को दिया गया है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अगले हफ्ते आला अधिकारियों की बैठक बुलाई है जिसमें भावी रूपरेखा तैयार की जाएगी. फिल्हाल राज्य के युवाओं के विकास के लिए जो खाका बनाया गया है उसमें स्किल डवलेपमेंट प्रोग्राम सीखो और कमाओ को युद्ध स्तर पर शुरू करना है जिससे रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके.

काउंसलिंग का नई रोशनी कार्यक्रम
इसके तहत विश्व प्रसिद्ध काउंसलर से युवाओं को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी जो उन्हें लीडरशिप के गुर भी सिखाएंगे. इस दो महीने की ट्रेनिंग के बदले युवाओं को पैसा भी दिया जाएगा.

जागरुकता अभियान
जो छात्र किताब की जगह हाथ में पत्थर ले रहे हैं उन्हें सही राह पर लाने के लिए मंत्रालय अगले महीने से जागरूकता अभियान की शुरुआत करेगा. इसमें केंद्र की विकास की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और दहशत की वजह से राज्य को हो रहे नुकसान को समझाया जाएगा.

इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य और शारीरिक विकास के लिए स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इन दो मंत्रालयों के अलावा घाटी को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सड़क बनाने और नए प्राजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है जो आने वाले दिनों में और तेज होगा.

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रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बार बाकायदा घाटी के युवाओं को सेना में भर्ती करने की मुहिम भी रंग लाई और कैम्प लगाकर राज्य के लोगों को सेना से जोड़ा गया. कश्मीर घाटी के सैकड़ों युवाओं ने भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए उत्साह दिखाया. हाल ही में कश्मीर के 500 से ज्यादा युवाओं ने सेना के भर्ती अभियान में भाग लिया. भारतीय सेना के जम्मू और कश्मीर लाइट इनफ्रैंट्री (जैक लाइट) के लिए की गई ये भर्तियां इस कार्यक्रम की एक झलक थीं जो भविष्य में जारी रखने की योजना है.

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