भारत की खुफिया एजेंसियों को शक है कि भारत में मौजूद घुसपैठिए ISI की सह पर भारत विरोधियों गतिविधियों के लिए आसान शिकार हो सकते हैं. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है कि पिछले तीन वर्षों में भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश की सीमा पर से 15 हजार से अधिक अवैध घुसपैठियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
घुसपैठियों की संख्या पर सटीक जानकारी नहीं
लोकसभा में गृह मंत्रालय के लिखित जवाब में कहा गया है कि भारत में बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ चिंता का विषय है. लोकसभा में किरण रिजिजू ने कहा कि चूंकि अवैध अप्रवासी लोग चोरी-चोरी बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के भारत प्रवेश करते हैं. इसलिए अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की संख्या के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है.
पाकिस्तानी घुसपैठियों के होने की खुफिया जानकारी
वहीं गृह मंत्रालय ने अवैध पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में लिखित जवाब में कहा, 'खुफिया जानकारियों से पता चला है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान 140 से अधिक पाकिस्तानी घुसपैठियों के संकेत मिले हैं.'
15 हजार से अधिक अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार
गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा कि उपलब्ध सूचना के अनुसार विगत तीन वर्षों और चालू वित्त वर्ष के दौरान 15 हजार से अधिक अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए. वहीं इन तीन वर्षों में 1750 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को देश से निर्वासित किया गया. साथ ही इसी अवधि के दौरान सौ से अधिक पाकिस्तानी घुसपैठिए पकड़े गए, जिनमें से लगभग 50 घुसपैठिए पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंपे गए.
भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का शक
गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा है कि जो अवैध अप्रवासी हैं, उन पर शक है कि ये अवैध अप्रवासी इस्लामिक कट्टरवाद की ओर संवेदनशील हो सकते हैं. ये कहा गया कि अवैध रूप से रह रहे लोग उग्रवाद और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के इशारे पर भारत विरोधी गतिविधियों में आसानी से शामिल हो सकते हैं.
जितेंद्र बहादुर सिंह / सुरभि गुप्ता