नया नजरिया: माइकल जैक्सन और शेक्सपियर ने भी सिखाया गीता सार

माइकल जैक्सन और बीटल्स के संगीत, शेक्सपियर की कविताओं, रूडयार्ड किपलिंग और जे.के. रोलिंग की कहानियों में भी गीता का दर्शन है. लेखिका रूपा पई ने अपनी नई किताब 'द गीता फॉर चिल्ड्रन' के जरिये यही साबित करने की कोशिश की है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

माइकल जैक्सन और बीटल्स के संगीत, शेक्सपियर की कविताओं, रूडयार्ड किपलिंग और जे.के. रोलिंग की कहानियों में भी गीता का दर्शन है. लेखिका रूपा पई ने अपनी नई किताब 'द गीता फॉर चिल्ड्रन' के जरिये यही साबित करने की कोशिश की है.

अर्जुन और कृष्ण के संवाद को रूपा ने नया स्वरूप देने की कोशिश की है. रूपा गीता को देश की सबसे बेहतरीन किताब कहती हैं, जिसमें सभी सवालों के जवाब मिल सकते हैं.

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इन तीन उदाहरणों से किया साबित
1. मैक्कार्टनी के गाने 'इबोनी एंड आइवरी' में वह इस बात पर हैरानी जताते हैं कि अलग-अलग रंगों के दिखने वाले लोग साथ-साथ दोस्त बनकर क्यों नहीं रह सकते. जबकि पियानो पर वही काले-सफेद बटन मिलकर मधुर संगीत बनाते हैं.

2. माइकल जैक्सन अपने गाने 'ब्लैक ऑर व्हाइट' में कहते हैं कि लोगों को उनका दिल और दिमाग एक-दूसरे से अलग करता है, रंग या नस्ल नहीं. जब यह समझ लेते हैं तो श्वेत और अश्वेत होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.

3. शेक्सपियर ने 'एज यू लाइक इट' में कहा है कि दुनिया एक रंगमंच है और सभी औरत-मर्द इस मंच की कठपुतलियां हैं. कृष्ण ने कहा है कि मनुष्य के जीवन की पटकथा और उसके लिए तय भूमिका पर उसका नियंत्रण नहीं है.

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