नए HRD मिनिस्टर निशंक भी डिग्री विवाद में घिरे, नाम के आगे डॉक्टर पर उठे सवाल

मोदी सरकार की दूसरी पारी में बने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी डिग्री विवाद में खुद को घिरा पा सकते हैं. उनकी डी लिट की दो उपाधियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक.

मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

मानव संसाधन विकास मंत्रालय(MHRD) में डिग्री विवाद के थमने के फिलहाल आसार नहीं दिख रहे हैं. नए बने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी कथित फेक डिग्री विवाद में खुद को घिरा पा सकते हैं. नाम के आगे डॉक्टर लगाने के उनके शौक ने उन्हें श्रीलंका स्थित एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से दो-दो मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया. जबकि यह विश्वविद्यालय श्रीलंका में पंजीकृत ही नहीं है.

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दरअसल, 90 के दशक में कोलंबो की ओपेन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने रमेश पोखरियाल निशंक को शिक्षा में योगदान के लिए एक डी लिट (Doctor of Literature) की डिग्री दी. इसके कुछ वर्षों बाद उन्हें एक और डी लिट डिग्री उसी विश्वविद्यालय से मिली. इस बार विज्ञान में योगदान के लिए उन्हें दूसरी डिग्री दी गई

चौंकाने वाली बात रही कि यह विश्वविद्यालय श्रीलंका में न तो विदेशी और न ही घरेलू विश्वविद्यालय के तौर पर रजिस्टर्ड है. श्रीलंका के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इसकी पुष्टि भी की. इस बाबत पिछले साल देहरादून में फाइल हुई एक आरटीआई पर उनके बायोडाटा के बारे में आधी-अधूरी जानकारी आई.इतना ही नहीं उनकी सीवी और  पासपोर्ट में अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज है. सीवी के अनुसार पोखरियाल का जन्म 15 अगस्त 1959 को हुआ, जबकि उनके पासपोर्ट में 15 जुलाई 1959 है. 

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5 जुलाई 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पिनानी गांव में जन्मे निशंक ने हेमवती बहुगुना गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की. उनके पास पीएचडी (ऑनर्स) और डी. लिट (ऑनर्स) की भी डिग्री है. वह जोशीमठ स्थ‍ित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संचालित सरस्वती श‍िशु विद्या मंदिर में श‍िक्षक के रूप में भी अपनी सेवा दे चुके हैं.

निशंक ने दी सफाई

रमेश पोखरियाल निशंक ने सफाई देते हुए कहा कि जहां तक मेरी अलग-अलग जन्मतिथि का सवाल है. हिन्दू जन्मपत्री और स्कूल में मेरी जन्मतिथि अलग है. ऐसा सामान्य तौर पर सबके साथ होता है. मैंने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया. मैंने अलग अलग जन्मतिथि से कभी कोई लाभ नहीं लिया.

ईरानी की डिग्री पर विपक्ष उठाता रहा है सवाल

पिछली सरकार में जब स्मृति ईरानी मानव संसाधन एवं विकास मंत्री थीं तो उनकी डिग्री पर भी विपक्ष सवाल उठाता रहा.विपक्ष का कहना था कि 2004 और 2014 के शैक्षणिक योग्यता में स्मृति ईरानी ने अलग जानकारी दी. 2004 में स्मृति ने एफिडेविट में दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट डिग्री में स्नातक होने की बात लिखी. वहीं 2014 में उन्होंनें अमेठी से राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ने के दौरान 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स पार्ट-1 में स्नातक होने की बात लिखी. इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने डिग्री को लेकर हमला बोला था.

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 निशंक का सियासी सफर

 1991 - कणर्प्रयाग से लगातार 3 बार विधायक रहे.

 1997 - उत्तर प्रदेश में पहली बार कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री.

1999 - रामप्रकाश गुप्त की सरकार में भी संस्कृति मंत्री बने

2000 - उत्तराखंड सरकार का गठन होने पर वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री बने.

 2007 - उत्तराखंड का चिकित्सा स्वास्थ्य और विज्ञान प्रौद्धोगिकी मंत्री बनाया गया.

2009 - उत्तराखंड में बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री बने.

2012 - देहरादून के डोईवाला से विधायक बनें.

2014 और 2019- हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने.

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