चिकन बेचा करते थे महमूद के पिता, बेटा कहलाया हिंदी सिनेमा का कॉमेडी किंग

महमूद ने 23 जुलाई 2004 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनकी पुण्यतिथि पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं महमूद से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य.

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महमूद महमूद

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST

90 के दशक की फिल्मों में दर्शकों को खूब हंसाने और गुदगुदाने वाले महमूद का जन्म 19 सितंबर 1932 को हुआ था. महमूद ने बड़े पर्दे पर तकरीबन हर वो काम किया जिसकी वजह से उन्हें ऑलराउंडर कहा जा सकता है. उन्होंने अभिनय किया, गाने गाए, प्रोडक्शन और डायरेक्शन की भी जिम्मेदारी बखूबी संभाली. लेकिन जिस काम के लिए उन्हें सबसे ज्यादा प्यार मिला वो थी उनकी कॉमेडी.

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महमूद ने 23 जुलाई 2004 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनकी पुण्यतिथि पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं महमूद से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य. महमूद अपने 8 भाई बहनों में मध्य के थे. उनका परिवार बहुत समृद्ध नहीं था और उनके पिता घर खर्च के लिए कभी चिकन बेचा करते तो कभी ड्राइवर का काम किया करते. महमूद के बारे में उस वक्त शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वह इतने मशहूर होंगे.

महमूद की पॉपुलैरिटी का आलम ये था कि उन्होंने न सिर्फ 300 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया बल्कि उनकी तस्वीरों वाला एक डाक टिकट भी जारी किया गया था. फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में महमूद को 25 बार नॉमिनेट किया गया था जिनमें से 15 बार उन्हें सिर्फ बेस्ट एक्टर इन कॉमिक रोल के लिए नॉमिनेट किया गया. हालांकि बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर महमूद को इनमें से 4 बार ही मिला.

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इस तरह हुए दुनिया से विदा

महमूद की उपलब्धियों की गिनती काफी लंबी है लेकिन उनका जो हंसाने वाला अंदाज था इसके चलते उन्हें आज भी फर्स्ट कॉमेडी किंग माना जाता है. महमूद की जिंदगी की ही तरह उनकी मौत भी काफी नाटकीय रही. वह अपनी दिल की बीमारी का इलाज कराने अमेरिका गए थे जहां नींद में ही उनका निधन हो गया. महमूद का काम आज भी दर्शकों के दिलों में उनके गानों और अभिनय के तौर पर जिंदा है.

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