सफाई कर्मचारियों की बार-बार हड़ताल से परेशान ईस्ट एमसीडी ने सफाई कर्मियों की यूनियनों के पर कतरने की तैयारी कर ली है. अब ईस्ट एमसीडी जल्द ही यूनियन का चुनाव करवाने जा रही है, जिससे केवल मान्यता प्राप्त यूनियन ही निगम के काम में हस्तक्षेप कर सकेगी.
वहीं यूनियन इस मामले में निगम के फैसले के खिलाफ दिख रही है. कभी सैलरी को लेकर तो कभी किसी अन्य मांग को लेकर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं. इनके पीछे सबसे बड़ा हाथ सफाईकर्मियों की यूनियन का होता है, जिनके नेता सफाईकर्मियों को इकठ्ठा कर निगम से उनकी मांगों को मनवाते आए हैं. लेकिन बार-बार की हड़ताल से अब निगम भी परेशान हो चुका है. इसलिए उसने यूनियन का चुनाव करवाने का फैसला किया है. चुनाव के बाद केवल वही यूनियन मान्य होगी जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे.
ईस्ट दिल्ली नगर निगम के डिप्टी मेयर बिपिन बिहारी सिंह ने बताया, "स्टैंडिंग कमेटी ने भी इसे पास कर दिया है. हम यूनियन का चुनाव करवाएंगे, जिससे केवल वही यूनियन हमसे बात करे जो वैध हो."
निगम के मुताबिक अभी एमसीडी में कुल 28 यूनियन हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर को निगम ने मान्यता नहीं दी है. हड़ताल के दौरान कई यूनियनें हड़ताल पर तो चली जाती हैं, लेकिन समाधान के लिए बात करते वक्त यह तय नहीं हो पाता कि किस यूनियन से बात की जाए. ऐसे में यह कदम उठाया जा रहा है. वहीं यूनियन पर शिकंजा कसने की आहट भर से यूनियनें बौखला गई हैं.
यूनियन नेताओं का कहना है कि चुनाव करवाना है तो सिर्फ सफाई कर्मचारियों का ही नहीं बल्कि शिक्षकों और इंजीनियरों की यूनियन समेत तमाम दूसरी यूनियनों का भी चुनाव होना चाहिए. उन्होंने कहा चुनाव की बात करके एमसीडी सफाई कर्मचारियों को टार्गेट कर रही है.
दिल्ली प्रदेश सफाई मजदूर यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र मेवाती का कहना है कि चुनाव हो तो सबका हो, सिर्फ सफाईकर्मियों को टार्गेट न करें. उन्होंने कहा कि वह एमसीडी के इस फैसले का विरोध करते हैं और कमिश्नर से इसकी बात करेंगे.
रवीश पाल सिंह