लग्जरी गाड़ियों की बिक्री के लिए मारुति बना रही नया डीलर नेटवर्क

मारुति सुजुकी इंडिया ने एक बार फिर देश में प्रीमियम गाड़ियों की मार्केट में सहभागिता बढ़ाने के लिए कमर कस ली है. देश में बिकनेवाली प्रति दो गाड़ी में जहां एक गाड़ी मारुति की है वहीं प्रीमियम सेगमेंट में कंपनी को अपने जापानी प्रतिद्वंदी होंडा और टोयोटा से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2015,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

मारुति सुजुकी इंडिया ने एक बार फिर देश में प्रीमियम गाड़ियों की मार्केट में सहभागिता बढ़ाने के लिए कमर कस ली है. देश में बिकने वाली प्रति दो गाडि़यों में जहां एक गाड़ी मारुति की है वहीं प्रीमियम सेगमेंट में कंपनी को अपने जापानी प्रतिद्वंदी होंडा और टोयोटा से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है.

सूत्रों के मुताबिक इस चुनौती को देखते हुए मारुति ने अब 9-10 लाख रुपये और उसके ऊपर के कीमत की गाड़ियों को बेचने के लिए नए मैनेजमेंट स्ट्रक्चर के साथ-साथ नए डीलरशिप नेटवर्क को खड़ा करने का फैसला किया है.

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कंपनी सूत्रों के मुताबिक इस नई टीम को कंपनी ने गठित कर दिया है और कंपनी के अंदर इसे नेक्सा नाम से जाना जाएगा. पार्थो बैनर्जी, जो कि कंपनी के सेल्स और डीलर नेटवर्क के नए वाइस प्रेसिडेंट को इस नई टीम की कमान दी जा रही है. बैनर्जी को नया डीलरशिप नेटवर्क खड़ा करने के काम में 2 जोनल हेड और 8 रीजनल हेड मदद करेंगे. कंपनी की यह पहल टोयोटा की लेक्सस और निसान की इनफिनिटी ढांचे को देखते हुए की गई है. लिहाजा अब इन दोनों कंपनियों की तरह, मारुती की लग्जरी और 10 लाख से महंगी गाड़ियों को बेचने की जिम्मेदारी नेक्सा पर होगी.

इससे पहले भी मारुती ने प्रीमियम सेगमेंट में अपनी पकड़ बनाने के लिए कई बार कोशिश कर चुकी है लेकिन उसे ज्यादा सफलता हाथ नहीं लगी थी. हाल में मारुति ने मिडसाइज रेंज में सियाज लांच की है और उसे मार्केट से अच्छा रिस्पांस मिलता देख कंपनी को कुछ साल पहले लाई अपनी प्रीमियम सिडान किजाशी की बिक्री को रोकना पड़ा था. आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा गाड़ियां बेचने वाली कंपनी मारुति को 10 लाख रुपये से महंगी गाड़ी बेचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके चलते इस सेगमेंट में मारुति की सेल कुल सेल की महज 1-3 फीसदी है.

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कंपनी सूत्रों के मुताबिक नया ढांचा पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद इस सेगमेंट की गाडियों को बेचने का काम मौजूदा डीलर नेटवर्क के माध्यम से नहीं किया जाएगा.

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