देश की राजधानी दिल्ली में मॉनसून के दस्तक देते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो जाता है. इन बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों एमसीडी, एनडीएमसी को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है.
राजधानी में फिलहाल मलेरिया के कई केस रिपोर्ट किए गए हैं. ऐसे में अगर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मजबूत नहीं रहा तो मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियां मॉनसून में विकराल रूप ले सकती हैं. कोर्ट ने ये रिपोर्ट इसलिए मांगी है ताकि ये जान सके कि दिल्ली में सफाई का काम तीनों एमसीडी और एनडीएमसी किस स्तर पर कर रही हैं.
इस बीच एक याचिकाकर्ता ने द्वारका के डलाव घर की कुछ तस्वीरें भी कोर्ट के सामने पेश की, जिसमें कूड़े के निस्तारण की कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है. कोर्ट के आदेश पर कूड़ाघर बनाए भी गए हैं तो कूड़ा भी उनके बाहर पड़ा हुआ नजर आ रहा है, साथ ही कूड़ाघर में किसी स्टाफ को भी नियुक्त नहीं किया गया है, जिससे समय से उसको इकट्ठा करके डिस्पोजल के लिए भेजा जा सके.
दरअसल कूड़े के निस्तारण को लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट गाइडलाइंस पहले से ही कोर्ट के निर्देश पर बना दी गई है. लेकिन ज्यादातर जगहों पर यह देखा गया है कि इनका पालन एजेंसियां नहीं कर पा रही हैं.
एक हफ्ते के भीतर सभी सिविक एजेंसी को अपनी रिपोर्ट में बताना है कि मॉनसून में मलेरिया, डेंगू के मामले न बढ़ें और उन पर लगाम के लिए उन्होंने सफाई अभियान को आगे कैसे बढ़ाया है. दिल्ली हाईकोर्ट अब इस मामले से जुड़ी हुई सभी पांच याचिकाओं पर 27 सितंबर को सुनवाई करेगा.
पूनम शर्मा / देवांग दुबे गौतम