खुद अपूर्ण हैं केजरीवाल, पूर्ण राज्य कैसे मिलेगा: मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने कहा कि पूर्ण राज्य की मांग वह करता है जिसे संविधान में विश्वास हो लेकिन केजरीवाल को तो संविधान में विश्वास ही नहीं है. उन्होंने कहा कि सबको पानी, सबको दवाई, सबको शिक्षा, अस्पतालों में डॉक्टर, टूटी सड़कें बनवाने जैसे कामों को करने के लिए क्या पूर्ण राज्य होना चाहिए?

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मनोज तिवारी मनोज तिवारी

मणिदीप शर्मा / परमीता शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2018,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूर्ण राज्य की मांग पर बीजेपी दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल खुद ही अपूर्ण हैं, वह पूर्ण राज्य की मांग क्यों कर रहे हैं?

मनोज तिवारी ने कहा कि पूर्ण राज्य की मांग वह करता है जिसे संविधान में विश्वास हो केजरीवाल को तो संविधान में विश्वास ही नहीं है. उन्होंने कहा कि सबको पानी, सबको दवाई, सबको शिक्षा, अस्पतालों में डॉक्टर, टूटी सड़कें बनवाने जैसे कामों को करने के लिए क्या पूर्ण राज्य होना चाहिए? मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वो हमेशा उस काम में लगते हैं जिसका अंत ना हो, पूर्ण राज्य की बहस का भी कोई अंत नहीं है. केजरीवाल ने अपने 3 साल में दिल्ली को 15 साल पीछे कर दिया.

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मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल आज पानी को लेकर क्यों आंदोलन नहीं छेड़ते? दिल्ली की जनता पानी, अस्पताल, ट्रांसपोर्ट सिस्टम और प्रदूषण से परेशान है. दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, यहां स्कूल और कॉलेज बने इसके लिए लोग परेशान हैं. केजरीवाल इन मुद्दों के लिए आंदोलन क्यों नहीं छेड़ते हैं?

मनोज तिवारी ने केजरीवाल की पंजाब हार को याद दिलाते हुए कहा कि जनता ही केजरीवाल को पूर्ण राज्य देना नहीं चाहती अगर ऐसा होता तो वह पंजाब जीत जाते, अगर पूर्ण राज्य का दर्जा ही हर चीज का निदान है तो उन्हें यह 3 साल बाद ही क्यों याद आया? उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए नाटक कर रहे हैं.

मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री होते हुए भी ये पानी के मुद्दे पर बात नहीं करना चाह एड्रेस नहीं करना चाहते, जनता सीलिंग से परेशान है लेकिन ये उसका निदान नहीं करना चाहते. दरअसल केजरीवाल अकर्मण्य व्यक्ति हैं, इन्हें कुछ करना नहीं आता और वो ऐसी बहस छेड़ रहे हैं जिसका कोई अंत ही नहीं है.

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