देशभर के 700 से ज्यादा प्रिंसिपल को सिसोदिया ने दिया गुरु मंत्र

आईआईटी में मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल के बारे में बता रहे थे. उन्होंने यह भी ज़िक्र किया कि जब सरकार के सामने अड़चनें आती हैं तो वो मोबाइल पर संविधान पढ़ लेते हैं.

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शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया

रणविजय सिंह / पंकज जैन

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  • 22 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:28 AM IST

दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में 'एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन' विषय पर एक इंटरनेशनल कांफ्रेस का आयोजन किया गया. इस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी सरकार में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हुए, जो देशभर से आए 700 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल को गुरुमंत्र देते नजर आए.

आईआईटी में मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल के बारे में बता रहे थे. उन्होंने यह भी ज़िक्र किया कि जब सरकार के सामने अड़चनें आती हैं तो वो मोबाइल पर संविधान पढ़ लेते हैं.

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'एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन' के मुद्दे पर सिसोदिया ने कहा कि, "सबसे पहले ये तय होना चाहिए कि शिक्षा क्यों? शिक्षा मंत्री से लेकर शिक्षा विभाग तक, पैरेंट्स से लेकर बच्चे तक, प्रिंसिपल से लेकर शिक्षक तक सबके दिमाग में ये स्पष्ट होना चाहिए कि शिक्षा क्यों? मेरा मानना है कि संविधान में लिखी गई बातों को सच करने वाली शिक्षा ही गुणवत्ता वाली शिक्षा है"

सिसोदिया ने प्रिंसिपल को सुझाव देते हुए कहा कि, 'टीचर्स बच्चों को फिजिक्स पढ़ाएं, कैमिस्ट्री पढ़ाएं, हिंदी पढ़ाएं, अंग्रेजी पढ़ाएं, या जो भी विषय पढ़ाएं, शिक्षक के दिमाग में इसको लेकर स्पष्टता होनी चाहिए कि उसका संविधान की संकल्पना में लिखे सपने को सच करने से क्या लेना देना है.'

मनीष सिसोदिया ने बताया की संविधान की बातें न थाने के सामने लिखी जाती हैं, न जेल में और न अवॉर्ड कार्यक्रमों में इसे लिखा जाता है. लेकिन इन्हें बच्चों की किताबों में लिखा जाता है, क्योंकि इसका एक खास मकसद है जिसे समझने की ज़रूरत है. 

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