ममता बनर्जी ने फूट डालो और शासन करो की नीति पर चलने की ठान ली है. जहां सीपीएम के खिलाफ उनका विषवमन जारी है, वहीं सीपीआइ को वे दोस्ताना संदेश भेज रही हैं.
3 नवंबर को सीपीआइ नेता गुरुदास दासगुप्ता को अपने 76वें जन्मदिन पर उनका शुभकामना पत्र पाकर आश्चर्य भरी खुशी हुई. पत्र की शुरुआत ''प्रिय गुरुदास दा” संबोधन के साथ हुई थी. ममता जब चाहें, अपना जादू चला सकती हैं. किसी कम्युनिस्ट पर भी.
प्रिया सहगल