टेस्ट क्रिकेट को मिस कर रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी

इन दिनों क्रिकेट से दूर आराम फरमा रहे टीम इंडिया के वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ‘टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलने को मिस’ कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘बेशक आपको टेस्ट क्रिकेट खेलने की कमी खलती है. लेकिन मैं इसे भूला नहीं हूं.'

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महेंद्र सिंह धोनी महेंद्र सिंह धोनी

अभिजीत श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

इन दिनों क्रिकेट से दूर आराम फरमा रहे टीम इंडिया के वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ‘टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलने को मिस’ कर रहे हैं. टीम इंडिया वेस्टइंडीज के दौरे पर है और दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि वहां भारतीय स्पिनर कहर बरपाएंगे. साथ ही धोनी ने यह भी कहा कि वो भारत-वेस्टइंडीज के बीच गुरुवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट पर अपनी नजर बनाए रखेंगे.

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वेस्टइंडीज में बड़ी भूमिका निभाएंगे स्पिनर
धोनी ने एक कार्यक्रम के दौरान बुधवार को कहा, ‘मुझे लगता है कि वेस्टइंडीज में विकेट धीमे होंगे, लेकिन आप कुछ नहीं कह सकते. मुझे लगता है कि स्पिनर बड़ी भूमिका निभाएंगे.’ धोनी ने कहा कि उन्हें यह प्रभावशाली लगता है कि भारत के पास अब आठ से 10 अच्छे तेज गेंदबाजों का पूल है. उन्होंने कहा, ‘जितनी अधिक प्रतिस्पर्धा होगी उतना बेहतर होगा. यह अच्छा है कि अंतत: हमारे पास आठ से 10 गेंदबाज हैं जो चयन के लिए जोर लगा रहे हैं. अगर मैं एक साल पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज की बात करूं, तो उस समय कुछ गेंदबाज चोटिल थे.’

धोनी की कंपनी ने किया क्रेग की कंपनी के साथ करार
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘और हमारे पास ऐसे गेंदबाज थे, जो सभी स्थिति में गेंदबाजी कर सकते थे. अगर आपको गति चाहिए थी, तो हमारे पास थी. अगर आपको स्विंग चाहिए थी, तो हमारे पास वह भी थी. बेशक चोटों के प्रबंधन को लेकर हमें सतर्क रहना होगा.’ इस बीच धोनी की कंपनी रीति स्पोर्ट्स ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज क्रेग मैकडर्मोट की कंपनी सिक्योर्ड वेंचर कैपिटल के साथ करार किया.

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अपने फैसले पर धोनी को मलाल नहीं
साथ ही धोनी का मानना है कि भारत का बल्लेबाजी क्रम काफी स्तरीय है. उन्होंने कहा, ‘हमारे टॉप छह बल्लेबाज स्थिर हैं. एक या दो नए चेहरे हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश समय टीम यही होगी. वे उपमहाद्वीप के बाहर भी खेले हैं और उन्हें जरूरी अनुभव हासिल है.’ धोनी को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहे लगभग दो साल हो गए हैं और वह इसे मिस करते हैं, लेकिन उन्हें अपने फैसले पर मलाल नहीं है.

परिवार के साथ समय बिताने का मौका
उन्होंने कहा, ‘बेशक आपको टेस्ट क्रिकेट खेलने की कमी खलती है. लेकिन मैं इसे भूला नहीं हूं. क्रिकेटरों के लिए यह जुनून या यू कहिए कीड़ा होता है जो हमेशा आपके साथ रहता है. यह कभी आपको नहीं छोड़ता. यही कारण है कि 40 और 50 साल से अधिक के क्रिकेटर कमेंटरी, जूनियर टीमों की कोचिंग में वापसी करते हैं. जहां तक मेरा सवाल है, तो फिलहाल यह मुझे अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका दे रहा है.’

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