महेला जयवर्धन और कुमार संगकारा वनडे को कहा अलविदा

विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में करारी हार के कारण इनके वनडे करियर का अंत भले ही परिकथा जैसा नहीं हुआ हो लेकिन इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों ने निराशा के बावजूद अपनी इस लंबी यात्रा को हंसते हुए याद किया.

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Mahela Jayawardene and Kumar Sangakkara Mahela Jayawardene and Kumar Sangakkara

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

श्रीलंकाई क्रिकेट के दो दिग्गज महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा ने एक साथ वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में करारी हार के कारण इनके वनडे करियर का अंत भले ही परिकथा जैसा नहीं हुआ हो लेकिन इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों ने निराशा के बावजूद अपनी इस लंबी यात्रा को हंसते हुए याद किया.

इन दोनों ने पहले ही विश्व कप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी. क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नौ विकेट की शिकस्त के साथ इन दोनों के करियर का अंत हुआ.

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आज के मैच से पहले रिकॉर्ड लगातार चार वनडे शतक जड़ने वाले संगकारा ने 45 रन की पारी खेली लेकिन इसके बावजूद टीम 37. 2 ओवर में 133 रन पर ढेर हो गई. संगकारा ने 404 वनडे मैचों में 14, 234 रन बनाए. उन्होंने मौजूदा विश्व कप में सात मैचों में 541 रन बटोरे और फिलहाल वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.

एक विश्व कप में 500 से अधिक रन बनाने वाले वह दुनिया के छठे बल्लेबाज हैं.  हार के बावजूद संगकारा ने अपने साथी जयवर्धने के बारे में अच्छी बातों को याद किया.

संगकारा ने मैच के बाद कहा कि जयवर्धने काफी निराश होगा लेकिन यह खेल का हिस्सा है, अंत परिकथा जैसा नहीं होता.  आप विश्व कप जीतना चाहते हो, शीर्ष पर रहते हुए अंत करना चाहते हो लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो नहीं होता.  इसका मतलब यह नहीं कि आप निराश होकर जाओ.

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जयवर्धने के साथ मैदान पर बिताए दिनों को याद करते हुए संगकारा ने कहा कि जयवर्धने के साथ उनका संबंध हमेशा मैत्रीपूर्ण था, कभी कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं थी, अभ्यास मैचों को छोड़कर जब मैंने टीम में जगह बनाई तो महेला दो साल से खेल रहा था और वह पहले ही उप कप्तान था और सब उसका काफी सम्मान करते थे. हम एक ही उम्र के थे, हम एक साथ समय बिताते थे और इस तरह से हम गहरे मित्र बने.  पहले ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके जयवर्धने ने इसके साथ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत किया जो 1997 में शुरू हुआ था. उन्होंने 448 वनडे में 12, 650 रन जबकि 149 टेस्ट में 11, 814 रन बनाए.

जयवर्धने के लिए हालांकि मौजूदा विश्व कप अच्छा नहीं रहा और वह सिर्फ अफगानिस्तान के खिलाफ शतक जड़ पाए.  लेकिन इस स्टार बल्लेबाज को कोई मलाल नहीं है. जयवर्धने ने कहा कि खिलाड़ियों के इस समूह के साथ क्रिकेट खेलना, ड्रेसिंग रूम में उनके साथ लुत्फ उठाना काफी संतोषजनक रहा.

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