महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे और कांग्रेस विधायक नितेश राणे को इंजीनियर के साथ मारपीट, गाली-गलौज और कीचड़ डलवाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी विधायक और उनके 50 समर्थकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है.
नितेश राणे के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 353, 342, 332, 324, 323, 120(ए), 147, 143, 504, 506 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस अब पूरे मामले में आरोपी विधायक से पूछताछ करेगी.
कांग्रेस विधायक नितेश राणे ने कंकावली पुलिस स्टेशन में गिरफ्तारी के बाद कहा कि आप (पुलिस) जो भी चाहते हो, कल करो. अगर आज आप मुझे गिरफ्तार करोगे, वो जीत जाएंगे. कंकावली के लोग इसी तरह मरते रहेंगे.
विधायक को अफसोस नहीं
कांग्रेस विधायक को अपनी इस हरकत पर जरा भी पछतावा नहीं है. आरोपी विधायक साफ कर चुके हैं कि उन्हें एफआईआर का भी डर नहीं है. इस घटना पर नितेश राणे ने कहा है कि लोगों ने सड़क के लिए अपनी जमीन दी है. सड़क की हालत खराब है, इसलिए ऐसा करना होगा. ये अधिकारी अभिमानी हैं, इसलिए उन्हें सबक सिखाने की जरूरत है.
नितेश राणे ने कहा कि मेरे खिलाफ केस भी दर्ज होता है तो मुझे उसकी परवाह नहीं. अब व्यक्तिगत रूप से मैं काम पर नजर रखूंगा.
दर्ज हुई एफआईआर
कांग्रेस विधायक नितेश राणे के खिलाफ सिंधुदुर्ग जिले के कुडाल पुलिस स्टेशन में मुकदमा भी दर्ज हो गया है. पीड़ित इंजीनियर ने अपने खिलाफ हुए उत्पीड़न पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है.
क्या है पूरा मामला?
विधायक नितेश राणे गुरुवार को कणकवली के पास हाईवे का मुआयना करने पहुंचे थे. इस दौरान नितेश राणे को जब हाईवे पर खड्डे दिखे तो वह भड़क गए. उन्होंने इंजीनियर प्रकाश शेडकर को वहां बुलाकर उनके साथ गाली-गलौज की और फिर कीचड़ से भरी बाल्टी प्रकाश शेडकर पर डलवा दी.
फेसबुक पर शेयर किया वीडियो
इसके बाद जिस पुल पर वह खड़े थे, उसी पुल से इंजीनियर को बांधने की भी कोशिश की. कांग्रेस विधायक नितेश राणे ने इंजीनियर से बदसलूकी का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया, जिसमें वह इंजीनियर से बदसूलकी करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
गौरतलब है कि 26 जून को बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी पर मकान गिराने को लेकर हमला किया था. उन्होंने बल्ले से निगम अधिकारी को पीटा था.
बल्ले से पीटने के मामले में आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नाराजगी जता चुके हैं.
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