महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) के सामने सरेंडर किया. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पिछले महीने आनंद तेलतुंबडे और गौतम नवलखा के द्वारा दाखिल अंतरिम जमानत की अर्जी को ठुकरा दिया गया था. दोनों पर इस मामले में माओवादियों के साथ संबंध होने का आरोप है.
जनवरी, 2018 में महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि, अदालत की ओर से प्रोफेसर आनंद को गिरफ्तारी से राहत मिली हुई थी, लेकिन उसकी मियाद 14 अप्रैल को खत्म हुई. पुलिस ने प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे पर UAPA के तहत केस दर्ज किया है.
मुंबई में जब आनंद एनआईए के दफ्तर में सरेंडर करने पहुंचे तो उनके साथ प्रकाश आंबेडकर भी थे, जो कि उनके रिश्तेदार हैं.
सरेंडर करने से पहले उन्होंने एक सार्वजनिक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश में इस तरह की घटना किसी के भी साथ हो सकती हैं, जहां कुछ कानूनों की आड़ में आम लोगों को निशाना बनाया जा सकता है.
चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि वह अब एनआईए के हवाले हो रहे हैं, ऐसे में उन्हें पता नहीं कि वो कब वापस आएंगे.
गौरतलब है कि 1 जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के पुणे में भीमा-कोरेगांव में हिंसा हुई थी, इस मामले में पुणे पुलिस ने गौतम नवलखा, आनंद तेलतुंबडे समेत अन्य कई सामाजिक कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया था. बाद में इनका संबंध माओवादियों से होने के आरोप लगा था. पुलिस की दलील थी कि 31 दिसंबर को यल्गार परिषद ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद हालात बिगड़ गए थे.
कमलेश सुतार